18 कहालीकि बहुत सो असी चाल चलय हंय, जिन्की चर्चा मय न तुम सी बार बार करी हय, अऊर अब भी रोय-रोय क कहू हय; कि हि अपनी चाल चलन सी मसीह को क्रूस की मृत्यु को दुश्मन बन क जीवय हंय।
का तुम नहीं जानय कि अधर्मी लोग परमेश्वर को राज्य को वारिस नहीं होयेंन? धोका नहीं खावो; नहीं व्यभिचारी, नहीं मूर्तिपूजक, नहीं परस्त्रीगामी, नहीं पुरुषगामी,
बड़ो दु:ख अऊर मन को कठिनायी सी मय न बहुत सो आसु बहाय बहाय क तुम्ख लिख्यो होतो, येकोलायी नहीं कि तुम उदास हो पर येकोलायी कि तुम ऊ बड़ो प्रेम ख जान लेवो, जो मोख तुम सी हय।
पर जब मय न देख्यो कि हि सुसमाचार की सच्चायी पर सीधी चाल नहीं चलय, त मय न सब लोगों को आगु पतरस सी कह्यो, “जब तय यहूदी होय क गैरयहूदियों को सामने नहीं। त तय गैरयहूदियों ख यहूदियों को आगु चलन ख कहाली कह्य हय?”
मतवालोपन, लीलाक्रीड़ा अऊर इन को जसो अऊर भी काम हंय, इन को बारे म मय तुम सी पहिले सी कह्य देऊ हय जसो पहिले कह्य भी चुक्यो हय, कि असो-असो काम करन वालो परमेश्वर को राज्य को वारिस नहीं होयेंन।
जो लोग बाहरी बातों पर जोर देवय हय, अऊर घमण्ड करय हय हिच तुम्हरो खतना करावन लायी दबाव डालय हंय, केवल येकोलायी कि हि मसीह को क्रूस को वजह सतायो नहीं जाये।
पर असो नहीं होय कि मय दूसरी कोयी बात को घमण्ड करू, केवल हमरो प्रभु यीशु मसीह को क्रूस को, जेको द्वारा जगत मोरी नजर म अऊर मय जगत की नजर म क्रूस पर चढ़ायो गयो हय।
कि या बात म कोयी अपनो मसीह म भाऊवों ख नहीं ठगाये, अऊर नहीं ओख कोयी फसावय नहीं, कहालीकि प्रभु इन सब बातों को बदला लेनवालो हय; जसो कि हम न पहिलेच तुम सी कह्यो अऊर चितायो भी होतो।
विशेष कर क् उन्ख जो अशुद्ध अभिलाषावों को पीछू शरीर को अनुसार चलतो अऊर प्रभुता ख तुच्छ जानय हंय। हि ढीठ अऊर हठी हंय, अऊर ऊचो पद वालो ख बुरो भलो कहनो सी नहीं डरय, अऊर उनकी निन्दा करय हय।
ऊ समुन्दर की भयानक लहर जसो हय जो अपनी लज्जा पूरो कार्यो ख फेस दिखाती रह्य हंय, हि भटकतो तारा जसी रह्य हंय, जिन्को लायी परमेश्वर न अनन्त घोर अन्धारो सुनिश्चित कर दियो हय।