जो मृतक लोग समुन्दर म होतो, उन्ख समुन्दर न दे दियो, अऊर मृत्यु अऊर अधोलोक न भी अपनो अपनो मृतक लोगों ख सौंप दियो। अऊर उन म सी हर एक को कामों को अनुसार उन सब को न्याय करयो गयो।
तब चौबीसों बुजूर्ग लोग सिंहासन पर बैठ्यो हय ओको चरनों म गिर क ऊ सदा हमेशा जीन्दो रहन वालो की आराधना करय हय। हि सिंहासन को सामने अपनो मुकुट डाल देवय हय अऊर कह्य हय,