मय त याच गहरी इच्छा अऊर आशा रखू हय कि मय कोयी बात म शर्मिन्दा नहीं होऊं, पर जसो मोरी बड़ी साहस को वजह मसीह कि महिमा मोरो शरीर को द्वारा हमेशा होती रही हय, वसीच अब भी हो, चाहे मय जीन्दो रहूं या मर जाऊं।
मोख यो उचित लगय हय कि मय तुम सब लायी असोच बिचार करू, कहालीकि तुम मोरो मन म बैठ्यो हय, मय कैद म हय तब भी अऊर सुसमाचार लायी उत्तर अऊर प्रमान देन म तुम सब मोरो संग अनुग्रह म सहभागी हय।
येकोलायी हे मोरो प्रिय भाऊवों अऊर बहिनों, तुम मोख कितनो प्रिय हय, मोरो मन तुम म लग्यो रह्य हय, जो मोरी खुशी अऊर मुकुट आय, हे प्रियो, प्रभु म योच तरह बन्यो रहो।
बल्की तुम खुदच जानय हय कि फिलिप्पी म आवन को पहिले कसो दु:ख अऊर अपमान सह्यो? पर भी हमरो परमेश्वर न हम्ख असो हिम्मत दियो, कि हम परमेश्वर को सुसमाचार बहुत विरोध होतो हुयो भी तुम्ख सुनायो।