कांटा बाले पुडरा के बने हर अक्ठी मुकुट मेर ओखर मूड हे धर देथै अउ ओखर दहिना हाथ हे अक्ठी डंडा धरा देथै अउ ओखर आगू निहुर के मजाक उडाउत कथै, “यहूदी के राजा नमस्ते।”
जउन समुन्दर हे मरे हर रथै, उनके समुन्दर भगवान के आगू ठाढ करिस अउ नरक हे जिनखर मिरतू हुइ गय रथै, ऊ ओखर आगू ठाढ करिस, हर अक्ठी मनसे के उनखर काम के जसना सजा दय गइस।