ऊ आतमा हमर वारिस के रूप हे जमानत के रूप हे ऊ टेम तक हे दइ दय गय हबै, जब तक कि ऊ हमही जउन ओखर अपन हबै पूर मेर लग मुकति नेहको दइ देथै, एखर कारन मनसे ओखर महिमा के बडाई करै।
आने जात हे तुम्हर चाल चलन निक्खा होय, जेखर लग कि जेखर बारे हे उन तुमही अपराधी मेर जानके बदनाम करथै, तुम्हर निक्खा काम के देखके ऊ आगमन के रोज भगवान कर महिमा करही।
पय तुम अक्ठी चुने हर पुरखा अउ राज पदधारी याजकन के समाज अउ पवितर मनसे अउ भगवान के खास मनसे हबा, जेखर लग तुम ओखर महान कामन के घोसना कर सका, जउन तुमही अंधियार मसे निकार के अपन अथाह उजियार हे बोलाय लय हबै।