अपनासबके परभु आबैबला दिन भेलौ कहतौ त तुसब नै घबरा आ भरममे नै पर। ओइ दिनके बिसयमे कोइ अगमबानीसे, कोइ बोलिसे आ कोइ-कोइ हमरेसब जखा लिखल चिठीसे भरममे पारैले खोज्तौ तैयो बिस्बास नै करिहे।
ओकरासबके भितरमे रहल खिरिस्टके आत्मा खिरिस्टके दुख भोगेपरतै आ पछा आबैबला महिमाके बारेमे पहिनेसे भबिसबानी करने रहै। तब उ समय कहिया आ कनङके एतै कैहके उसब खोज-तलास करने छेलै।