3 केनातु फायदा ए हप्सी घमण्डो थल्जी छल्ले थालंही, पर दीनता रंङ साते इच्च़ा इदि-इदि बि केनाह बे रूठे समझेक्तेंई।
गेह केतंङ कुट्रातग कि, दुह ऊई माह शुह; पर दिह ए चुंगी लेहपच़ा मीह धर्मी शुई दंङ एनोह चुंखा इलि; छना कुचे अच़ि एनाबि महान बणाएक्पोतो, दुह कवचि शोतो; दंङ अच़ि एनाबि क्वाच़ी लोहतो, दुह महान शोतो।”
इच्च़ा टबरातु ठ्रोह इदि-अई दिरंङ साते दाह लोहवा लंहि, हर इच्च़ा मीहबी केनाबे बढ़कर ञेंहनि।
अतंई हेनर हेंदु स्वाभाव ठीक लहज़िमी कोशिश लोहनि, दू मीहतु ठ्रोह अंऊ छंङीरिंङ बंङज़ातोर दंङ हंञारारिंङ माह हेनर मांजी कम ए नशाबाज़ी, कुकम ए भोगविलास, झगड़ा ए जलनो दोरच़ी शत्ह बंङज़ोंई।
पर अंऊ मतलबी तोतोर ए सच्चाई माह मनेक्च़ातोर, पर मदम लहज़ी जुन्ज़ातोर, परमेश्वर दोतु टोईच़ी एनोह रोहष प्रगट लोहतो।
छना कुचे गेह प्रेरिता तु बिचंङ भत्ते बे कम खास शुगाह, हेले कोहग ता गेह प्रेरित कुट्रीमी जोगे ला माह शुगाह, छना कुचे गेह परमेश्वरो टोईच़ी विशवास लहज़ा मीहतिंङ तंग लहज़ातेग।
छना कुचे हेंतेग तचेक केनातु पापी हिटी रिंङ तोतोंई। झांह लेह अपेहल कि केरे जलन ए लड़ाई ए झगड़ा तोह, छि दिरंङ दि साबित माह शवाह कि केरे केनातु पापी स्वाभावो दोरच़ी काबू शवातंई? दंङ केरे झांह ठ्रोह मीहतु ठ्रोह श्रींङमातंई अंऊ प्रभु माह तोर।
दंङ गिह्बी दिला बेह्द तोह, कि झांह शुहबी मेस, कि गेह अंज़े छना जुंज़ातग, ध्वांए केतिंङ माह खोकपोग; दंङ गिह्बी ला छना केहच़ी माह जुन्ज़ातंई ध्वांए खोकपोंई, दंङ गिह्बी दि ला बेह्द तोह कि केहतु बिचंङ झगड़ा, जलन, रोहष, विरोध, चुगली, घमण्ड ए बखेड़ा लहज़िमी ठ्रोह स्वाभाव खोकपोग।
पर अगर केरे लगातार इदि-अई दिरंङ साते झगड़ा लहज़ातंई दंङ इदि-अईदि बि परेशान लहज़ातंई ता दंङ खबरदार शुहचे इलांई, केरे केनातिंङ बर्बाद लेह च़रपोंई।
हेंदिंङ घमण्ड लेह माह जूंस, दंङ माह ए हेंदिंङ इदि-अई दिरंङ साते जलन लहज़ी जूंशी तोह।
मतलब भत्ते दीनता ए नम्रता रंङ साते, दंङ धीरज़ तहच़ि दाह रंङ साते इदि-अई दिऊ व्यवहार सहन लंहि।
मसीहू थल्जी श्रदा ए भक्ति तहज़िमी वहज़ा, केरे इदि-अई दिऊ अधीन बंङज़ुंई।
दंङ भत्ते कम बिना कुड़कुड़ ए बिना झगड़ा लोहवा लंहि,
झांह लेह अपेहल केरे परमेश्वरे केतिंङ एनोह पवित्र मीह शुहबिमी थल्जी अंङे चरच़तो, दंङ दोई केतंङ साते दाह लहज़ा, केरे मोह्ड़े दाह ए, दंङ भलाई, दंङ दीनता, नम्रता, दंङ सहनशीलता धारण लंहि।
पर हेंतेग केरेला दि भत्ते धिर मतलब रोहष, लड़ाई-झगड़ा, बुराई, आहच़ि गह्डी रंड्री दिह भत्ते गप्पारे छोड़ेके च़रतुंई।
दंङ दुह घमण्डी शुह, दंङ छल्ले माह ञेंहच़ा; झांह ठ्रोह मीह बहसबाज़ी ए बेकारो गप्पारिंङ झगड़ा लहज़ी जुंज़ा, अतु नतीज़ा जलन, ए झगड़ा, निन्दा ओ गप्पा ए मदम शक लहज़ी,
थल मुखंङ, गेह केतंङ साते दि कुट्री जुंज़ातग, कि केरे केनातु बिचंङ ठ्रोहका शुहचे बंङज़ुंई, दंङ इदि-अई दिऊ चिंद लोहवा लंहि, दंङ इच्च़ा टबरातु ठ्रोह केनातु बिचंङ दाह लोहवा लंहि, ऊईतु टोईच़ी दया लोहवा लंहि इदि-अई दिरंङ साते नम्र शुहचे तोहई।
झांह लेह केरे जवान तिंङ सेंहणा मीहतु हुकुमो भाषे लहज़ी जूंशी तोह। केरे भत्ते तिंङ नम्रता रंङ साते इदि-अई दिऊ मदत लहज़ी जूंशी तोह। छना कुचे पवित्र शास्त्रा रिंङ च़ेहसी तोह, “परमेश्वरे घमण्डी तु विरोध लहज़ी, पर दीन दोतु टोईच़ी मोह्ड़े दाह लहज़ा।”