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फ़िलिप्पियों 1:25 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

25 और चूँकि मुझे इसका यक़ीन है इसलिए मैं जानता हूँ कि ज़िंदा रहूँगा, ताकि तुम ईमान में तरक़्क़ी करो और उस में ख़ुश रहो;

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उर्दू हमअस्र तरजुमा

25 चुनांचे मुझे इस बात का बड़ा यक़ीन है के मैं ज़िन्दा रहूंगा, बल्के तुम सब के साथ रहूंगा ताके तुम ईमान में तरक़्क़ी करो और ख़ुश रहो,

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किताब-ए मुक़द्दस

25 और चूँकि मुझे इस ज़रूरत का यक़ीन है, इसलिए मैं जानता हूँ कि मैं ज़िंदा रहकर दुबारा आप सबके साथ रहूँगा ताकि आप तरक़्क़ी करें और ईमान में ख़ुश रहें।

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फ़िलिप्पियों 1:25
17 Cross References  

ख़ुदा ने अपनी पाकीज़गी में फ़रमाया है, “मैं ख़ुशी करूँगा; मैं सिकम को तक़सीम करूँगा, और सुकात की वादी को बाटूँगा।


लेकिन मैंने तेरे लिए दुआ की है ताकि तेरा ईमान जाता न रहे। और जब तू मुड़ कर वापस आए तो उस वक़्त अपने भाइयों को मज़्बूत करना।”


वो पहूँचकर और ख़ुदा का फ़ज़ल देख कर ख़ुश हुआ, और उन सब को नसीहत की कि दिली इरादे से ख़ुदावन्द से लिपटे रहो।


और शागिर्दों के दिलों को मज़बूत करते, और ये नसीहत देते थे, कि ईमान पर क़ाईम रहो और कहते थे “ज़रूर है कि हम बहुत मुसीबतें सहकर ख़ुदा की बादशाही में दाख़िल हों।”


और अब देखो मैं जानता हूँ कि तुम सब जिनके दर्मियान मैं बादशाही का एलान करता फिरा, मेरा मुँह फिर न देखोगे।


पस ख़ुदा जो उम्मीद का चश्मा है तुम्हें ईमान रखने के ज़रिए सारी ख़ुशी और इत्मीनान से मा'मूर करे ताकि रूह — उल क़ुद्दूस की क़ुदरत से तुम्हारी उम्मीद ज़्यादा होती जाए।


क्यूँकि मुझे किसी और बात के ज़िक्र करने की हिम्मत नहीं सिवा उन बातों के जो मसीह ने ग़ैर क़ौमों के ताबे करने के लिए क़ौल और फ़े'ल से निशानों और मोजिज़ों की ताक़त से और रूह — उल क़ुद्दस की क़ुदरत से मेरे वसीले से कीं।


और मैं जानता हूँ कि जब तुम्हारे पास आऊँगा तो मसीह की कामिल बर्क़त लेकर आऊँगा।


जिस के वसीले से ईमान की वजह से उस फ़ज़ल तक हमारी रिसाई भी हुई जिस पर क़ाईम हैं और ख़ुदा के जलाल की उम्मीद पर फ़ख़्र करें।


ये नहीं कि हम ईमान के बारे में तुम पर हुकूमत जताते हैं बल्कि ख़ुशी में तुम्हारे मददगार हैं क्यूँकि तुम ईमान ही से क़ाईम रहते हो।


मगर जिस्म में रहना तुम्हारी ख़ातिर ज़्यादा ज़रूरी है।


और मुझे ख़ुदावन्द पर भरोसा है कि मैं आप भी जल्द आऊँगा।


इसके सिवा मेरे लिए ठहरने की जगह तैयार कर, क्यूँकि मुझे उम्मीद है कि मैं तुम्हारी दु' आओं के वसीले से तुम्हें बख़्शा जाऊँगा।


उससे तुम अनदेखी मुहब्बत रखते हो और अगरचे इस वक़्त उसको नहीं देखते तो भी उस पर ईमान लाकर ऐसी ख़ुशी मनाते हो जो बयान से बाहर और जलाल से भरी है;


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