फिलिप्पी 2:2 - गढवली नयो नियम2 त फिर मेरा यु आनन्द तैं इन कै पूरो कैरा कि एक मन रावा अर एक ही प्रेम अर एक ही मनसा रखा। See the chapterGarhwali2 इलै मि भि इन चान्दु कि तुम एक-दुसरा से और भि जादा प्यार करा। अर एक मन ह्वेके रा, अर इन सोच रखा कि तुम सभ्या का सभि एक जन ही छाँ, अर अगर जु तुम इन करिल्या त यां से मितैं बड़ु आनन्द मिललु। See the chapter |
हे विश्वासी भयों, अर हम तैं लगातार पिता परमेश्वर कु धन्यवाद कन चयणु च किलैकि प्रभु तुम बट्टी प्रेम करद। किलैकि पिता परमेश्वर ल दुनिया की सृष्टि से पैली ही तुम तैं चुणि कि तुम तैं बचै साको; उ पवित्र आत्मा का कामों का द्वारा जु तुम तैं पवित्र बणांद अर तुमारा द्वारा प्रभु यीशु मसीह का बारा मा सच्चा संदेश पर विश्वास कन से तुम तैं बचांद की तुम उद्धार पां।