फिलिप्पी 1:30 - Garhwali30 किलैकि तुम लोग भि ठिक उन्नि परेसानियों तैं झिलणा छाँ, जन तुमुन मितैं झिलद देखि अर मि ऊंतैं अभि भि झिलणु छौं। See the chapterगढवली नयो नियम30 अर तुम भि ऊं मुशीबतों का कामों जन जु तुम ल मि तैं फिलिप्पी शहर मा करद देखि, अर जूं मुशीबतों का बार मा तुम सुणदा छा उ मि पर जेल मा अब भि छिनी। See the chapter |
हे मेरा भै-बैंणो, हम इन्द्रया ही भौत सा लोगु का बारा मा जणदा छां, जु कि बिस्वास का बारा मा हमतै हौसला देन्दा छिन। इलै अब हम पक्कु बिस्वास बणै के रखा, ठिक उन्नि जन एक खिलाड़ी अपणा बाटा मा औण वळी रुकावट तैं दूर करदु, ठिक इन्नि हम भि सब पापों तैं छोड़ि द्या अर सबर रखी के हरेक किसम की परेसानी तैं झेली के परमेस्वर का पिछनै चलण वळा बणा।