5 सगळा ताँई नरमाई को भेवार राखो। क्युं क परबु बेगोई ओज्यु आर्यो ह।
“म थारूँ खेऊँ हूँ, थे थारा जीव की चिंत्या मना करज्यो की काँई खास्यो अर काँई पीस्यो? अर नइ काया की चिंत्या करज्यो की इनै किऊँ ढकस्युं? क्युं क गाबाऊँ काया अर रोट्याऊँ जीव बडो ह।
काल की चिंत्या मना करो, क्युं क काल ताँई काल किई चिंत्या घणी ह। अर हरेक दिन की चिंत्या बि दिन ताँई घणिई होवै ह।
“इ ताँई चेता म रेह्वो, कदै अंय्यां नइ होज्या क थे तो लाग्या रेह्वो पीबा-खाबा अर आटा चून की चिंत्या म अर बो दिन थार प फंदा की जंय्यां आ पड़ै।
अर ज कोई परबुऊँ परेम कोनी करै बिपै स्राप पड़ै ह। म्हारा परबु जी तावळा आवै ह!
सचाई तो आ ह क थे आपसरी म एक दुसरा प मुकदमाबाजी करर्या हो जखी थारी हारनै दरसावै ह। इऊँ चोखो तो ओ होवै क थे अन्याय सेल्यो अर थे थारी हानी उठाल्यो।
इ ताँई ज खाबो मेरा बिस्वासी भाईनै पाप करबा ताँई उकसावै ह जणा म कदैई मास कोनी खास्युं जिऊँ म मेरा बिस्वासी भाई क सामै पाप की बजै नइ बणू।
अर थे जाणो हो क खेल-कूद म भाग लेबाळा सगळा खिलाड़ी सगळी बाता प खराईऊँ चाली हीं। अर बे तो नास होबाळा मुकटनै पाबा ताँई अंय्यां करै ह, पण आपा बि मुकट ताँई कर्या हां जखो कदैई नास कोनी होबा को।
मसी की दिनता अर नरमाई क सागै म पोलुस निजी तोरऊँ बोलुँ हूँ। थारै मऊँ क्युं क जणा मेरै बारां म बोलीं हीं क जद म थारै आमै-सामै होऊँ बि टेम थारै सागै नरमाईऊँ रेह्ऊँ हूँ अर जद म थारूँ दूर रेह्ऊँ बि टेम सकताई बरतुँ हूँ।
ज थे कोईऊँ अंय्यां सुणो क परबु क ओज्यु आबा को दिन आग्यो ह जणा थे उकचुक मना होज्यो, नइ दरमई घबराज्यो। नइ कोई आत्माऊँ, नइ बोलऊँ नइ कोई लिखावटऊँ जखी म्हारी सी क्युना लागै जणा बी बिको बिस्वास मना करज्यो।
बाऊँ बोल क बे कोईकी बुराई नइ करै, पण सगळा क सागै चोखो बरताव कर रळमिलर स्यांतीऊँ रेह्वै।
थे भेळो होबो मना छोडो, जंय्यां क कयानै तो बाणई पड़गी ह। पण एक दुसरानै समजाता रेह्ओ अर जंय्यां-जंय्यां बि दिननै कनै आता देखो जणा थानै ओर बी बेत्ती अंय्यां करबो चाए।
क्युं क पबितर सास्तर बतावै ह, “जिनै आणो ह, बो परमेसर तावळोई आसी। अर बो उवांर कोनी करसी।
परमेसर की खेबाळा म बाई पबितर आत्मा ही, जखी मसी म ह। आ आत्मा बानै बताई क मसीनै दुख भोगणो पड़सी अर इकै पाछै बिकी मेमा होसी। परमेसर की खेबाळा ओबी जाणबो चाता हा क ओ कद अर कंय्यां होसी।
बा घड़ी सांकड़ैई ह जद सक्यु नास होज्यासी। इ ताँई स्याणा बणो अर खुदनै बस म राखो जिऊँ थानै अरदास करबा म मदद मिलै।
ईसु जखो आ बाता को गुवा ह बो खेवै ह, “हाँ, म तावळोई आऊँ हूँ।” अंय्यांई होवै। ओ परबु ईसु, आ।
ईसु कह्यो, “सुणो! म तावळोई आऊँ हूँ। भागहाळा ह बे जखा इ पोथी म मांडेड़ा बचनानै जखा आबाळा टेम म पूरा होबाळा हीं बानै मानी हीं।”