थे इ बातनै सूल जाणो हो क म्हें कदैई लालाचोपड़ी की बाता कोनी करी। अर नइ म्हें अंय्यां की कोई बाता बोली जिऊँ थारो धन लूटां , अर आ बाता को परमेसरई गुवा ह।
म थानै समजाऊँ हूँ क परमेसर की बिस्वासी मंडळी की जखी थारी देखरेख म ह बिकी रूखाळी करो। अर ओ काम कोईकै दबाव म आर मना करो पण परमेसर की इंछ्याऊँ राजी होर करो, अर धन का लालच की बजेऊँ ओ काम मना करो पण मन लगार इ कामनै करो।