अर म आ बातानैई नइ पण सगळी बातानै मेरा परबु मसी ईसुनै जाणबा की बडी बात क सामै घाटा की समजूँ हूँ। अर मसी ताँई म आनै कुड़ो-करकट जा'णर बगा दिओ जिऊँ म मसीनै पाऊँ
थे केद म पड़्या मिनखा का दुख म दुखी होया, अर थे आ जा'णर क थारै कनै अंय्यां की धन-दोलत ह जखी चोखी अर सदाई रेह्बाळी ह, राजी-राजी थारी धन-दोलत जब्त होबा दि।