धरती का सगळा मिनख माटी की काया ले राखी ह जंय्यांकी बि पेला मिनख की ही। अर ईस्बर नगरी म सगळा कनै आत्मिक काया होसी जंय्यांकी मसी की ह जखो ईस्बर नगरीऊँ आयो हो।
जणा मोटी बात आ ह क थारा जीवन की उठ बेठ खाली मसी का चोखा समचार जोगी होणी चाए; जिऊँ म थारै बारां म आई सुणू क थे एकई मकसद ताँई खड़्या हो अर एकई मनस्या राख'र चोखा समचारऊँ मिलेड़ा बिस्वास ताँई कड़ी मेनत करतार्यो हो, चाए म थानै आर देखूँ चाए नइ देखूँ,
पण थे तो सिओन डूँगर, जीवता परमेसर की नगरी, अर ईस्बर नगरी का यरूसलेम कनै आग्या हो। थे तो हझारो-हझारो ईस्बर नगरी दुता की राजी करबाळी बिस्वासी मंडळी कनै आग्या हो,