15 आपा सगळानै जखा आत्मा म पक्का हां अंय्यां कोई एकसो बिचार राखबो चाए पण ज थारै मऊँ क्युंक न्यारा बिचार राखै ह जणा बिनै परमेसर थार प परगट कर देसी।
इ ताँई थानै सिद बणबो चाए, जंय्यां की ईस्बर नगरी म रेह्बाळो थारो परम-पिता सिद ह।
ज थे बुरा होर बी थारा टाबर टिकरानै चोखी चिज देबो जाणो हो। जणा थारो परम-पिता जखो ईस्बर नगरी म बिराजै ह आपका माँगबाळानै पबितर आत्मा क्युं कोनी देसी?”
परमेसर की खेबाळा पबितर सास्तर म आ मांडी ह, ‘सगळानै परमेसरई सीखासी।’ अर मेरै कनै बोई आवै ह जखो परम-पिताऊँ सुणै अर सीखै ह।
ज कोई मिनख बिकी इंछ्या पूरी करबा ताँई राजी ह। जणा बो जाण ज्यासी क आ सीख मेरै कानिऊँ ह क परमेसर कानिऊँ।
आपा जखा बिस्वास म मजबूत हां, आपानै चाए क जखा बिस्वास म कमजोर हीं बानै सेण करां। आपा खुदनैई राजी नइ करां।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, थे थारी समज म टाबर मना बणो। बुराई ताँई टाबर बण्या रेह्ओ पण समज म स्याणा बणज्याओ।
आपा परमेसर की आत्मा म पक्का मिनखानै इ ज्ञान क बारां म बतावां हां। पण ओ ज्ञान दुनिया अर इ दुनिया प राज करबाळी सक्ति को कोनी ह जखी नास होरी ही।
म परबु म थारै उपर पूरो भरोसो करूं हूँ, क थे दुसरा मतनै कोनी मानो पण जखा थानै भंगरावै ह चाए बे कोईबी क्यु नइ हो बे सजा पासी।
अर आपणा परबु ईसु मसी का परमेसर जखो मेमाभर्यो परम-पिता ह, बिऊँ माँगु हूँ क बो थानै बुदी देबाळी अर परगट करबाळी आत्मा दे, जिऊँ थे बिनै चोखा ढंगऊँ जाण सको।
म्हें मसी को परचार कर हरेक मिनखानै चितावां अर सगळा ज्ञानऊँ बानै सीखावां, जिऊँ हरेक मिनखनै मसी म सिद कर परमेसर क सामनै हाजिर कर सकां।
थारै मालोई एक ओर ह जिको नाम इफरास ह अर मसी ईसु को दास ह बिकी बी थानै “जे मसी की” पुगै। ओ सदाई थारै ताँई जी ज्यानऊँ अरदास करै ह जिऊँ थे परमेसर की सगळी इंछ्या म समजदारी अर पूरा भरोसा क सागै खड़्या रेह सको।
भाईचारा अर प्यार-परेम क बारां म म्हानै मांडबा की कोई जुर्तई कोनी, क्युं क इकै बारां म थे खुदई परमेसरऊँ सीख लिआ हो क कंय्यां आपसरी म प्यार-परेम राखबो चाए।
पबितर सास्तरऊँ परमेसर को भगत सगळा भला कामा म माहिर अर त्यार होज्यावै।
पण रोटी तो स्याणा ताँई होवै, जखा सीखता सीखता भला-बुरा म भेद करबो जाणज्यावीं।
पण जखोबी मिनख परमेसर को खयो करै ह, जणा बिकै मांयनै परमेसर को परेम सचमई बास करै ह। क्युं क ओई एक गेलो ह जिऊँ आपा परमेसर म मजबूत बण्या रेह सकां हां।