क्युं क काया की बुरी इंछ्या पबितर आत्मा क खिलाप मो राखै अर पबितर आत्मा काया की बुरी इंछ्या क खिलाप मो राखै ह। अर अ दोन्युई एक दुसरा क खिलाप म हीं। जणाई तो थे जोक्यु करबो चाओ हो बो कोनी कर सको।
म्हें मसी ईसु का गुलाम पोलुस अर तिमूतियूस आ चिठी फलिपी नगरी म मसी क सागै मेळ राखबाळा परमेसर का सगळा मिनखा, सागै की सागै बिस्वासी मंडळी का रूखाळा अर काम म हात बटाबाळानै मांडर्या हां। था सगळा प आपणा परम-पिता परमेसर अर परबु ईसु मसी कानिऊँ दया अर स्यांती मिलती रेह।
अर म आ बातानैई नइ पण सगळी बातानै मेरा परबु मसी ईसुनै जाणबा की बडी बात क सामै घाटा की समजूँ हूँ। अर मसी ताँई म आनै कुड़ो-करकट जा'णर बगा दिओ जिऊँ म मसीनै पाऊँ
जिको चोखा काम करबा म नाम होयड़ो हो, अर जखी आपका टाबरानै सूल पाळी हो, जखी पराया अर अणजाण मिनखा की आवभगत करी हो, परमेसर का मिनखा को खुदका घर म आवभगत करी हो, दिन-दुखीया की मदद करी हो, अर जखी खुदनै चोखा काम करबा म लगादि होवै।
थे परमेसर का पेलीपोत की बिस्वासी मंडळी कनै आग्या हो जाका ईस्बर नगरी म नाम दरज हीं। थे बि परमेसर क कनै आग्या हो जखो सगळा को न्याय करै ह। अर धरम्या की आत्मा कनै आग्या हो जखा सिद बणग्या हीं,