1 आखीर म, मेरा लाडला बिस्वास्यो, परबु म राजी होता रह्यो। थानै अ बाता ओज्यु मांडबा म मनै तो कोई आट कोनी, अर ज म अंय्यां मांडूँ बी हूँ जणा आऊँ थारो बचावई होसी।
जणा थे राजी होज्यो क्युं क ईस्बर नगरी म थानै इको फळ मिलसी। क्युं क बे तो परमेसर की खेबाळानै बी जखा थारूँ पेली हा बानै बी अंय्यांई सताया हा।
अर मेरी आत्मा मनै बचाबाळा परमेसर म राजी ह।
ओई नइ, पण इब परबु ईसु मसी क जरिए जिकी बजेऊँ आपणो मेळमिलाप परमेसरऊँ होयो ह, परमेसर म गुमान करां हां।
ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, म आखीरक आ बोलां क सागै इ चिठीनै बंद करूं हूँ, राजी रेह्ओ, थारो भेवार बदलो, एक दुसरानै हिमत बंधाओ, स्यांती अर मेळमिलापऊँ रेह्ओ। जणा परमेसर जखो स्यांती अर परेम को दातार ह, बो थारै सागै रेह्सी।
आखरी बात आ ह क परबु अर बिकाळी सक्ति म तगड़ा बणज्याओ।
क्युं क सची सुन्नतहाळा तो आपाई हां बे कोनी, क्युं क आपा परमेसरनै बिकी आत्माऊँ ध्यारां हां अर आपा इ जगत की बाता प नइ पण मसी ईसु प गुमान करां हां।
परबु को संगरो राख'र सदाई राजी-खुसीऊँ रेह्ओ, म ओज्यु थानै खेऊँ हूँ, राजी-खुसीऊँ रेह्ओ।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, जखी बाता सची, आदरमान करबाळी, धारमिक, पबितर, प्यारी, सदगुण, चोखी, बडाई जोगी ह बा बाताऊँ थे थारी बुदीनै भरल्यो।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, म्हें थारूँ ईसु मसी का नामऊँ आ अरदास करां अर थानै समजावां हां क जंय्यां थे म्हारूँ परमेसरनै राजी करबाळो जीवन जिबो सीख्यो, अर बंय्यांई जीओ बी हो। जणा म्हें चावां हां क, थे बिमै ओर बी बेत्ती बढता जाओ।
सदाई राजी-खुसी रेह्ओ।
ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, जद थे भात-भातऊँ बिचास्या जाओ जणा राजी होज्यो,
मेरी आखरी हिदायत आ ह क, थे सगळा मेळमिलापऊँ रेह्ओ, भलाई करो, प्यार-परेमऊँ भाईचारो राखो, तरस खाओ अर खुदनै छोटा बणाओ।
पण राजी होवो क थानै मसी की जंय्यां दुख भोगबा को मोको मिल्यो। आ बात थानै बि बडी खुसी ताँई त्यार करसी जखी मसी जि दिन आपकी मेमा क सागै आसी जणा होसी।
ओ लाडलो, आ मेरी दुसरी चिठी ह जखी म थानै मांडी ह, अर म मेरी आ दोन्यु चिठ्या म थानै याद दिवायो हूँ क थानै पबितर हियो राखबो चाए।