8 बो खुदनै अत्तो झुका लिओ अर मरबा ताँई ओडाया गेल चालतो रिह्यो अर अठै ताँई सुळी की मोतनै बी गळै लगाली।
बठै बा चेला क सामै ईसु को रूप बदलगो। बिको मुंडो बी सूरज की जंय्यां भळका मारबा लाग्यो अर गाबा चमकबा लाग्या।
इकै पाछै ईसु बठैऊँ चिनोसोक दूर जार धरती प मोदो पसर अरदास करबा लाग्यो, “मेरा परम-पिता ज आ हो सकै तो मनै इ पिड़ा म मना गेरो पण म चाऊँ जंय्यां नइ पण थे चाओ बंय्यांई होवै।”
अर ईसु दुसरकै अरदास करबा ताँई चलेगो अर अरदास म खयो, “परम-पिता ज मेरो दुख भोगबो जरूरी ह जणा थे जखो चाओ हो बोई मेरै सागै होवै।”
अर जद बो अरदास करर्यो हो जणा बिकी सकल बदलगी अर बिका गाबा भळका मारता धोळा धप होगा।
मेरा पिराणा मेरूँ कोई कोनी ले सकै, पण बिनै म खुदई देऊँ हूँ। मनै ओ हक ह क म इनै दे सकूँ अर इनै पाछो ले सकूँ। अंय्यां करबा को हुकम मनै परम-पिता दिओ ह।”
जद बो आसी जणा इ जगत का मिनख जाणसी क म परम-पिताऊँ परेम राखूँ हूँ, अर बे सगळी बाता करूं हूँ, जखी करबा ताँई बो मनै हुकम दिओ ह। “आओ ल्यो आपा अठैऊँ चालां।
ज थे मेरा हुकमानै मानस्यो, जणा मेरै परेम म बण्या रेहस्यो जंय्यां क म परम-पिता का हुकमानै मानू हूँ, अर बिका परेम म बण्यो रेह्ऊँ हूँ।
ईसु बाऊँ बोल्यो, “मेरी रोटी आ ह क, म मेरा भेजबाळा की इंछ्या मानू अर बिको काम पूरो करूं।
बिकी दुरदसा करी गई। बिनै न्याय कोनी मिल्यो। इ धरतीऊँ बिको जीव तो खोस लिओ गयो। अर इब बिकी पिडी क बारां म कूण बतावै?”
जंय्यां बि एक मिनख क कह्यो नइ मानबा की बजेऊँ सगळा मिनख पापी होया ठिक बंय्यांई बि एक मिनख क कह्यो मानबा की बजेऊँ बोळा मिनखानै परमेसर सई बतासी।
क्युं क थे आपणा परबु ईसु मसी की दयानै जाणो हो। बो सक्याको मालिक होर बी थारै ताँई गरीब बण्यो। जिऊँ थे बिकी गरीबी की बजेऊँ हर चिज का धणी बण सको।
मसी आपणा सरापनै आपकै उपर लेर आपानै नेम-कायदा का सरापऊँ अजाद कर दिओ। क्युं क पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह क, “जखो बी सुळी प लटकायो जासी बो सरापित ह।”
बो आपणा ताँई खुदकी ज्यान दे दिनी। जिऊँ बो आपानै सगळा पापऊँ बचावै अर आपानै सुद कर खुद ताँई अंय्यां का मिनख बणावै जखा भला काम करबा ताँई उतावळा रेह्वै।
आओ ल्यो आपा आपणी आँख्या ईसु प लगावां। जखो बिस्वास को मालिक अर बिनै निधान करबाळो ह। बो आगला सुक क बारां म सोचतो होयो बेजती होबा की चिंत्या कर्या बिना सुळी प दुख भोग्यो अर परमेसर क सिंघासन क दायणै जार बिराजगो।
थानै पाप क सागै थारी राड़ म अत्तोबी अड़बो कोनी पड़्यो क थारो लोय बाहणो पड़ै।
बो आपणा पापनै खुदकी काया प लेर सुळी प चढगो, जिऊँ आपा पाप करबा बेई मर्या समान होवां अर जखो सई ह बिनै करबा बेई जीवां। थानै निरोगो कर्यो जा सकै, इ ताँई बो आपकी काया प घाव लिआ।
क्युं क मसी सगळा का पाप ताँई एकर मर्यो जखो धरमी होर बी पाप की बजेऊँ दुख भोग्यो जिऊँ आपानै परमेसरऊँ मिलावै। बो काया म मर्यो पण आत्मा म जीवायो गयो।