29 परबु म राजी होर भाई-भाई की जंय्यां बिऊँ मिलीयो अर बिकै जंय्यां का मिनखा को मान करिओ।
अर जि जठै थारी सुणाई कोनी होवैक जणा बठै का मिनखानै चेताबा ताँई थारा पगा की धूळ झाड़ दिज्यो।”
म थारूँ सची बोलुँ हूँ, जखो बी बानै मानै जखानै म भेजूँ हूँ बो मनै बी मानै ह अर जखो बी मनै मानै, बो मनै भेजबाळानै बी मानै ह।”
बे रोजकी एक टोळी की जंय्यां मनदर म मिलता, एक-दुसरा का घरा म रोटी तोड़ता। राजी-खुसी अर सिदा मनऊँ एक सागै रळमिल रोटी खाता।
बे म्हारी बोळी ईज्जत करी अर जद म्हें चालबा लाग्या जणा जोक्यु म्हानै आगै का गेला ताँई चावै हो, बे सगळी चिजा म्हानै दि।
इ बजेऊँ नगरी का मिनख बोळा राजी होया।
अर सुणाबाळानै बिना भेज्या बे कंय्यां सुणा सकीं हीं? जंय्यां क पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह, “चोखा समचार को हेलो पाड़बाळा का पग कत्ता सोवणा हीं।”
क थे परबु म बिकी आवभगत अंय्यां करो जंय्यां एक परमेसर का मिनख की करी जाणी चाए। बिनै थारूँ जखी बी मदद चाए बा मदद बिनै दिज्यो, क्युं क बा बोळा मिनखा की मदद करी अर मेरी बी मदद करी।
अर ज थारै कनै तिमूतियूस आज्यावै जणा थे बिकी सूल आवभगत करज्यो क्युं क बो बी मेरी जंय्यां परबु को काम करै ह।
बे मेरी अर थारी आत्मानै राजी करी ह। इ ताँई अंय्यां का मिनख ईज्जत क जोगा हीं।
क्युं क जखो खुदकी बडाई करै ह बा नइ पण जिकी परबु बडाई करै ह बा बडी बात ह।
थे थारा हिया म म्हानै झघा द्यो। म्हें नइ तो कोईकै सागै अन्याय कर्या हां, नइ कोईको क्युं बिगाड़्या हां, अर नइ म्हें कोईको फाईदो उठायो।
बिनै थारै कनै भेजबा की म बोळी इंछ्या राखूँ हूँ जिऊँ बिनै पाछा देखर थे राजी होज्याओ अर इऊँ मेरो बी दुख कट ज्यासी।
मेरै सागै केद खाना म बंद अरिस्तखुस कानिऊँ थानै “जे मसी की” पुगै अर बरनाबास को भाई मरकुस बी थानै “जे मसी की बोल्यो ह” (मरकुस क बारां म थानै पेल्याऊँई आदेस मिलगो हो क जद मरकुस थारै कनै आवै जणा बिकी चोखी आवभगत करज्यो)
मेरा लाडला बिस्वास्यो, म्हें थारूँ आ बिणती करां हां क मंडळी का अगुवा जखा थारै ताँई मेनत करै, परबु म थानै गेलो दिखावै अर सीख देवै ह बाको आदरमान करो।
एक मुखिया क रूप म, जखाबी बिस्वासी मंडळी का मुखिया, चोखो काम करीं बे दुणा मान क जोगा समज्या जावै, खासकर बे जखा परचार अर सीखाबा म घणी मेनत करीं हीं।
थे थारा आत्मिक मुखिया प भरोसो करो अर बाकै बस म रेह्वो, क्युं क बे बाकी जंय्यां जानै लेखो देणो पड़ै ह थारा पिराणा ताँई जागता रेह्वै ह। अंय्यांई कर्या करो जिऊँ बाका काम थारै ताँई बोज नइ पण राजी होबा की बजे बणै। क्युं क बोज समज्या तो थारो क्युंई फाईदो कोनी होवै।
इ ताँई जद म आस्युं जणा बतास्युं क बो काँई-काँई करै ह। बो म्हारै बारां म भड़काबाळी बाता फेलावै ह। बो आई कोनी करै पण बिस्वासी भाया की बी आवभगत कोनी करै। अर जखो कोई बाकी आवभगत करबो बी चावै ह बानै बो करबा कोनी देवै अर बो बानै बिस्वासी मंडळी क बारनै काड देवै ह।