आ बात म हुकम देर कोनी खेर्यो पण इ ताँई खेर्यो हूँ क दुसरा मिनखा क खुला हियाऊँ दान देबा की बात सुणर थारै हिया म दुसरा मिनखा ताँई जखो परेम ह बि परेम की सचाई को सबूत द्यो।
थारै बारां म अंय्यां सोचबो मेर ताँई सई ह, क्युं क थे मेरा काळज्या म बसर्या हो। बि सोभाग म थे सगळा पाँतीवाळ हो जखो परमेसर मनै दिओ, चाएस म जद अब जेळ म हूँ अर नहिस जद म अजादिऊँ चोखा समचार क सच को सबूत देर बिनै पुक्ता करबा म लागर्यो हो।
म आ चिठी तिमूतियूसनै मांडूँ हूँ, जखो बिस्वास म मेरो सचो बेटो ह। तिमूतियूस, तेर प परम-पिता परमेसर अर आपणा परबु मसी ईसु को आसिरबाद, दया अर स्यांती होती रेह्वै।