18 मेरै इऊँ क्युंई फरक कोनी पड़ै। चाए बुरी मनस्याऊँ अर चाए भली मनस्याऊँ आ सगळी तर्याऊँ मसी कोई परचार होयो ह अर आ बाताऊँ म राजी हूँ अर राजीई रेहस्युं।
“हे कपट राखबाळो धरमसास्तर्यो अर फरिसीयो! थार प धिक्कार ह। थे लोगा का ईस्बर नगरी राज म जाबाळा गेलानै रोको हो। थे नइ तो खुद बि गेलै जाओ अर नइ लोगानै बि गेलै जाबा द्यो।
बे खाली होईड़ी लूगाया का घरानै खाज्यावीं अर देख-दिखावा ताँई लामी-लामी अरदास करीं हीं, आकी बोळी बुरी दसा होसी।”
पण अ बाता बाकै पलै कोनी पड़ी। अर अ बाता बाऊँ लुखायड़ी ही जणा बे कोनी जाण सक्या। अर बे आ बातानै बुजबाऊँ डरता हा।
ईसु बोल्यो, “बिनै मना रोको क्युं क जखो थारै सामै कोनी बो थारै कानि ह।”
जणा काँई बात ह? आपा यहूदि गैर-यहूदि मिनखाऊँ चोखा हां के? नइ, क्याका चोखा हां। जंय्यां क म्हें पेलीई बोल दिआ हा क यहूदि अर यूनानी दोन्युई पाप क बस म हां।
आपा नेम-कायदा क साराऊँ कोनी जीवां, पण परमेसर की दया म जीवां हां। जणा आपा काँई करां? के आपा पाप करां? नइ, कदैई नइ।
अर मेरो इ बातनै खेबा को काँई मतबल ह की मूरती प चढाईड़ो क्युं ह अर मूरती क्युं ह?
जणा काँई करबो चाए? म आत्माऊँ तो अरदास करस्युंई पण बिकै सागै बुदीऊँ बी अरदास करस्युं। आत्माऊँ तो भजन गास्युं बिकै सागै बुदीऊँ बी गास्युं।
जणा चाए म थानै चोखो समचार सुणायो हो नहिस चाए बे, म्हें एकई समचार सुणावां हां जिपै थे बिस्वास कर्या हो।
क्युं क म, इ बातनै आछ्यां जाणू हूँ क, थारी अरदास अर ईसु मसी की पबितर आत्मा कानिऊँ मिलेड़ा साराऊँ म केदऊँ छुट जास्युं।