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परकासितवाक्य 4:2 - नुवो नेम (मेवड़ी नया नियम)

2 अतराक में पुवितर आत्मा मारा पे कबजो कर लिदो। अन में देक्यो हरग में एक गाद्दी ही अन वींका ऊपरे कुई बेट्यो तको हो।

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परकासितवाक्य 4:2
28 Cross References  

ईसू वाँने पूँछ्यो, “तो पछे दाऊद आत्मा में वेन वींने ‘परबू’ कई लेबा ने केतो हो? अन लिक्यो तको भी हे के,


ज्यो कई आपाँ केरिया हा, वणा मूँ खास बात तो या हे के, आपणाँ नके एक अस्यो मायाजक हे ज्यो हरग में मेमावान परमेसर का गादी का जीमणा पाल्डे बेट्यो तको हे।


मूँ परबू का दन पुवितर आत्मा का काबू में आग्यो अन में दरसावो देक्यो, मने मारा पाच्छे रणभेरी की अवाज हुणई दिदी।


वणी एक छोरा ने जनम दिदो, वो हारी जात्या पे लोड़ा की लाटी का जोर पे राज करबावाळो हो। पण फटाफट वो छोरो परमेसर का गादी का हामे उठान लेजायो ग्यो।


तद्याँ आत्मा मने कांकड़ में लेगी, वटे में एक लुगई ने लाल रंग का डरावणा जनावर पे बेटी तकी देकी, ओ जनावर परमेसर का विरोद में बोलबा सबदाऊँ भरियो हो। वींके हात माता अन दस हिंगड़ा हा।


वीं चोवीस पुरवज अन च्यारई जीवता जीव गादी पे बेट्या तका परमेसर के धोक लागन गीत गाबा लागा। “हलेलुय्या! वींकी जेजेकार हो। आमीन।”


तद्याँ में मोटी धोळी गादी अन वींपे बेट्या तका ने देक्यो, वींके हामेऊँ धरती अन आकास भागग्या अन वाँको नामो निसाण मटग्यो।


वो दूत मने परमेसर की आत्मा में एक मोटा अन ऊसा मंगरा पे लेग्यो, अन वणी मने पुवितर नगर नुवा यरूसलेम का दरसण कराया। वो नगर परमेसर का आड़ीऊँ रेटे उतर रियो हो।


ज्यो गादी पे बेट्या तको हे वणी क्यो, “देको, मूँ हारोई नुवो कररियो हूँ।” पछे पाछो वणी क्यो, “लिकी ले, काँके यो बचन विस्वास करबा के जोगो अन हाँचो हे।”


ज्यो भी जिती मूँ वींने मारी हाते मारा गादी पे बेवाड़ऊँ। वस्यानीस जस्यान मूँ जित्या केड़े मारा बापू की गादी पे बेट्यो हूँ।


तो वीं चोवीस पुरवज ज्यो गादी पे बेट्यो तको अमर हे, वींका पगा में धोक खान भगती कररिया हा, वीं आपणाँ मुकट उतारन बोलता हा के,


अन वीं गादी मेंऊँ विजळी अन वादळा के गाजबा की अवाज आरी ही। गाद्दी का हामे हात मसाळ चालरी ही, ईं मसाळ परमेसर की हात आत्मा हे।


जद्याँ जीवता जीव गाद्‍याँ पे बेट्या तका, जीं अमर हे वींकी मेमा अन धन्नेवाद करता हा,


पछे में कई देको के, ज्यो गादी पे बेट्या हो, वींके जीमणा हात में एक किताब ही अन वाँ दुई आड़ीऊँ लिकी तकी ही। वींने हात मोराँ लगान बन्द कर मेली ही।


वींके केड़े में हरग की, धरती की, पाताळ की, अन समन्द की हारी रचना अन बरमाण्ड का हाराई मनक की अवाज हूणी, वीं अस्यान बोलरिया हा के, “ज्यो गादी पे बेट्यो हे वींकी अन उन्याँ की मेमा, मान, अन धन्नेवाद अन वींको राज जुग-जुग रेवे।”


वीं मंगरा अन छाँटाऊँ केरिया हा के, “माकाँ पे पड़ जावो। ज्यो गादी पे बेट्यो तको हे वणीऊँ अन उन्याँ का गुस्साऊँ माँने हपई दो,


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