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परकासितवाक्य 1:1 - नुवो नेम (मेवड़ी नया नियम)

1 आ ईसू मसी की दरसावा की किताब हे परमेसर ईंने ईं वाते दिदी हे के, जीं बाताँ आबावाळा टेम में वेबावाळी हे परमेसर अणाने ईसू मसी ने दरसावा में दिदी अन वणा आपणाँ दास यहुन्ना का नके हरग-दुत ने खन्दान ईं बाताँ बतई। आ ईसू मसी की दरसावा की किताब हे, जिंने परमेसर ईसू मसी ने ईं वाते दिदी के, ज्यो बाताँ वेबावाळी हे, वाँने आपणाँ दासा ने बता दिदी जावे।

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परकासितवाक्य 1:1
30 Cross References  

काँके में आपणी आड़ीऊँ बाताँ ने किदी। पण बापू जणा मने खन्दायो हे वणी मने आग्या दिदी हे के, मने कई केणो अन कस्यान केणो हे।


अबेऊँ मूँ थाँने दास ने केवूँ, काँके दास ने जाणे हे के, वाँको मालिक कई करे हे। पण थाँने मूँ दोस्त केन बतळाया हे, काँके में ज्यो बाताँ आपणाँ बापऊँ हूणी, वीं हारी थाँने बता दी हे।


काँके ज्यो बचन थाँ मने दिदो, में वाँने वोईस बचन दिदो। अन वणा वींको विस्वास किदो। अन वीं ईं हाँच ने जाण लिदो हे के, मूँ थाकी आड़ीऊँ आयो हूँ, अन विस्वास कर लिदो हे के, थाँईस मने खन्दायो हे।


ज्यो कई वणी देक्यो अन हुण्यो हे, वींका बारा में बतावे हे, पण कुई भी मनक वींकी ने माने हे।


थाँका बारा में मने घणी बाताँ करणी हे अन थाँने सजा देबा का वाते भी घणी बाताँ हे पण मने खन्दाबावाळो हाँचो हे अन ज्यो में वणीऊँ हुण्यो हे वोईस मूँ दनियाँ ने केवूँ हूँ।”


परमेसर की बड़ई वेवे। ईसू मसी का हव हमच्यार जिंको मूँ परच्यार करूँ हूँ, ईंके अन परमेसर को अबाणू परगट किदो ग्यो ईं भेंद जस्यान जिंको हाँच जुग-जुगऊँ हप्यो तको हे, वींके जस्यान परमेसर थाँने गाटा बणाबा में तागतवर हे।


काँके वो मने मनकाँ की ओरुँ ने मल्यो अन ने मने हिकायो ग्यो, पण ओ हव हमच्यार मने परबू ईसू मसी की पुवितर आत्माऊँ मल्यो हे।


अन परमेसर आपणी गुप्त की बाताँ ने मारा पे परगट किदो, जिंका बारा में, में थोड़ोक पालाँ पाटाँ में लिक चुक्यो हूँ।


मूँ ईसू मसी का नामऊँ थरप्यो तको परमेसर को दास पोलुस, ओ कागद तीतूस ने लिकरियो हूँ। मने परमेसर का चुण्या तका मनकाँ ने विस्वास में बडाबा का वाते खन्दायो हे, जणीऊँ वीं हाँच ने जाणन हाँचो जीवन जीवे।


ईं वाते जो बाताँ थें देकी हे, जो वीती री हे अन जो बाताँ वेबावाळी हे, वाँ हाराई ने लिकतो जा।”


मूँ यहुन्नो ज्यो थाँको भई हूँ मूँ ईसू के दुक में, धीरज में अन राज में थाँको हण्डाळ्यो हूँ। मने देस निकाळो दिदो ग्यो, जिंकी वजेऊँ मूँ पत्तमुस नाम का टापू में हूँ। काँके मूँ परमेसर का वसन अन ईसू मसी की गवई थाँने देतो हो।


ईंका केड़े वाँ हात हरग-दुताँ मेंऊँ ज्याँका नके हात प्याला हा, एक मारी नके आन क्यो, “अटे आ, मूँ थने वीं मानी तकी वेस्याँ ने दण्ड भोगती तकी बताऊँ, ज्या घणी नंद्‍याँ का कनारे बेटी हे,


तद्याँ मूँ वींकी जे-जेकार करतो तको वीं हरग-दुत का आगे धोक लाग्यो। पण वणी माराऊँ क्यो, “अस्यान मती करे! काँके मूँ तो थाँरो अन थाँरी हण्डाळ्याँ का हाते परमेसर को दास हूँ। जणापे ईसू मसी की गवई देबा की जिमेदारी हे। थूँ परमेसर के धोक लाग, काँके ईसू मसी की गवई आगेवाणी की आत्मा हे।”


तद्याँ वणी हरग-दुत माराऊँ क्यो, “अस्यान लिक वीं मनक धन्न हे ज्यो उन्याँ का ब्याव का जीमणा में नुत्या ग्या हे।” वणी पाछो क्यो, “ईं बचन परमेसर का हाँचो बचन हे।”


पछे में पुवितर नगर नुवो यरूसलेम ने हरगऊँ परमेसर का नकेऊँ उतरते देक्यो अन वो वीं लाड़ी का जस्यान हे, ज्याँ आपणाँ धणी का वाते सजे धजे।


पछे वणा हाताँ दुताँ का नके आकरी हात विपत्याऊँ भरिया तका हात प्याला हा, वणा मेंऊँ एक मारा नके आयो अन माराऊँ बात करन क्यो, “अटे आ, मूँ थने वणी लाड़ी ने बताऊँ, ज्याँ उन्याँ की लुगई हे।”


ईंका केड़े वीं हरग-दुत मने जीवन देबावाळा पाणी की एक नंदी बतई। वाँ नंदी बिल्‍लोर का काँस जस्यान चमकती तकी पुवितर ही। वा नंदी परमेसर अन उन्याँ का वटेऊँ निकळन नगर की हड़क का वसा-वस वेती ही।


“मूँ, ईसू थाँका वाते, मण्डळ्याँ का वाते, अणा बाताँ की गवई देबा का वाते मारो हरग-दुत खन्दाऊँ हूँ। मूँ दाऊद के परवार को वंसज हूँ। मूँ हवेर को चमकतो तको तारो हूँ।”


पछे वीं हरग-दुत माराऊँ क्यो, “ईं वसन विस्वास करबा जोगा अन हाँचा हे। परबू परमेसर जी, आपणाँ आड़ीऊँ बोलबावाळा ने पुवितर आत्मा देवे हे, आपणाँ भगताँ ने, जीं अबाणू वेबावाळो हे, वींका बारा में केबा का वाते आपणो हरग-दुत खन्दावे हे।”


मूँ वो यहुन्नो हूँ, जणी ईं बाताँ हूणी अन देकी हे। जद्याँ में ईं बाताँ देकी अन हूणी, तो वीं हरग-दुत का पंगा में पड़न में वींकी भगती किदी, ज्यो मने ईं बाताँ बताया करतो हो।


पण वणी माराऊँ क्यो, “थूँ अस्यान मती कर, काँके मूँ थाँरो अन थाँरा भायाँ परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन ईं किताब की बाताँ ने मानबावाळा का लारे को दास हूँ। बेस थूँ परमेसर की भगती कर।”


ईंका केड़े में देक्यो के हरग को बारणो खुल्यो हे अन वाँ अवाज जो मने पेल्याँ हुणई दिदी ही, रणभेरी की अवाज में बोलरी ही के, “ऊपरे अई जा, मूँ थने वीं बाताँ बताऊँ जीं आबावाळा टेम में पकी वेबावाळी हे।”


अन वो उन्यो गादी का नके आयो अन जो वींपे बेट्यो तको हो वींके जीमणा हातऊँ वाँ किताब ले लिदी।


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