4 अन जद्याँ भी थाँ हाराई का वाते परातना करूँ हूँ, राजी वेन परातना करूँ हूँ,
वो रात-दन कबराँ की जगाँ में अन मंगरा में हाको करतो अन खुद के भाटाऊँ चिरा पाड़न खुद ने लोया-जाळ करतो।
मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, अणीस तरियाऊँ एक मन फेरबावाळा पापी का बारा में परमेसर का हरग-दुताँ का हामें आणन्द वेवे हे।”
मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, अणीईस तरियाऊँ एक मन फेरबावाळा पापी का बारा भी हरग में अतरोइस आणन्द वेगा, जतरो वणा नन्याणूँ धरमी भगताँ का वाते ने वेवे हे ज्याँने मन बदलवा की कई जरुरत ने हे।”
परमेसर जिंकी सेवा मूँ मारा हरदाऊँ वाँका बेटा का हव हमच्यार को परच्यार करन करूँ हूँ, वो मारो गवा हे के, मूँ थाँने हमेस्यान आद करूँ हूँ।
तो एकीस होच, एकीस परेम, एकीस मन अन एकीस मनसा राकन मारो आणन्द पूरो करो।
मूँ ईं बात ने पेल्याईं क्यो हो अन अबाणू भी रो-रोन केरियो हूँ के, नरई मनक आपणी रेणी-सेणीऊँ मसी की हूळी की मोत का दसमण हे।
ईं वाते हो मारा लाड़ला भायाँ, मूँ थाँने देकणा छारियो हूँ। थाँ मारी खुसी हो अन मने थाँका पे मेपणो हे। मारा लाड़ला भायाँ, वस्यानीस परबू में अटल रो।
काँके यद्याँ मूँ देहऊँ तो थाँकाऊँ छेटी हूँ, तद्याँ भी मूँ आत्माऊँ तो थाँके नके हूँ, अन थाँको वेवार अन विस्वास ज्यो मसी में गाटो हे, वणीऊँ मूँ घणो राजी वेवूँ हूँ।
माँ माँकी परातना में थाँने हमेस्यान आद करन बापू परमेसर ने थाँका वाते धन्नेवाद देवा हाँ।
काँके हे भई फिलेमोन थाँराऊँ परमेसर का पुवितर मनक घणा राजी वेग्या हे, ईं वाते थाँरा परेमऊँ मूँ घणो राजी व्यो अन मने हिम्मत मली।
मूँ ईं बातऊँ घणो राजी हूँ के, थाँका थोड़ाक बेटा-बेटी परबू का आदेस ने ज्यो आपाँने परमेसर दिदो हो, वीं वींने हाँचऊँ माने हे।