फिलिप्पी 3:1 - देउखरिया थारु1 तबेकमारे हे मोरिक विश्वासी भैयो, तुहुरे प्रभुमे बतो कहिके तुहुरे आनन्दित रहो। जोन बात मै तुहुरिन्हे पैलेहेँ लिखल बतुँ, वहे बात घनीघनी लिखक लग महिन्हे कौनो झन्झट नै लागत और जब मै बात तुहुरिन्हे घनीघनी कथुँ ते यी बात तुहुरिन्हे झूँटा गुरुनसे बँचाके धारी। See the chapterदङ्गौरा थारू1 अन्त्यम भैयौ, प्रभु टुँहन आनन्द देहीँ। टुँहन यी बात घरीघरी लिख्नाम मै झिँजो नैमन्टुँ। यी त टुन्हक सुरक्षक लाग हो। See the chapter |