जात्तिके मै तुहुरिन्हे कहतुँ, ‘जिहिहे मै पठैथुँ, उहिहे स्वीकार करुइया महिन्हे स्वीकार करत, और महिन्हे स्वीकार करुइया महिन्हे पठुइया परमेश्वरहे स्वीकार करत।’”
और ओइने प्रत्येक दिन एक्के मन बनाके मन्दिरमे एकजुट होके आराधना करिँत। और प्रभुभोजके लग एकदोसुर जहनके घरेम जमा हुइँत। और ओइने खुशी और शुद्ध मनसे मिल्जुलके खाना खाँइत।
अरिस्तार्खस जे मोरिक संग झेलमे बा, और मर्कूस जे बारनाबासके नातपाँत हो। मै जन्थुँ कि तुहुरिन्हे मर्कूसके बारेमे पैलेहेँ बतागिल बा कि यदि ऊ तुहुरिन्के थेन आई कलेसे उहिहे मजासे स्वागत करहो।
तबेकमारे जब मै अइबुँ, तब मै मण्डलीक मनैनहे खुलके बात बत्वैम कि ऊ का-का करता। अर्थात ऊ हमारमे झूँटा काम कर्लक आरोप लगाइत। यकर संगसंगे ऊ यात्रा करुइया विश्वासीनके स्वागत करना नै मानत। और जे ओइन्हे स्वीकार करे चाहत, ओइन्हे ऊ रोकत। और यहाँसम कि ऊ ओइन्हे मण्डलीक सभामेसे बाहेर निकारदेहत।