थे थांकी जन्दगी न्अ मसी का चोखा समचार की सीख की जस्यान जीओ। जिसुं म थांका बारा मं यो सुण सकुं क थे एक मन सुं अर एक मकसद सुं मजबूत होर चोखा समचार का बस्वास ताणी बाथेड़ो करर्या छो। चाये म थांक्अ सांकड्अ आंउ या कोन्अ आंउ।
यो उं आस की बजेसुं होयो छ ज्यो थांक्अ बेई परमेसर का राज मं सुरक्षित छ। अर जिका बारा मं थे पेल्याई सांचा बचन मतबल चोखा समचार सुं सुणमेल्या छो, ज्यो थां कन्अ आयो छो।
क्युं क सरगदूता को मुखियो जद्या खुदकी ऊंची आवाज सुं आदेस देव्अलो अर जद्या परमेसर को नरसिंगो बाज्अलो तो परबु खुद सरग सुं उतरअलो। उं बगत ज्यो मसी म मरग्या वे पेली जी उठ्अला।
अब जीत को मुकुट म्हारी बाठनाळर्यो छ। उं दन सांचो न्याऊ करबाळो परबु मन्अ जीत को मुकुट फरावलो। मन्अ ई नही पण वां सबळा न्अ बी ज्यो परेम सुं उंका आबाकी बाठनाळरया छ।