28 अर कोई बी बात मं थांका बिरोध्या सुं डरपो मत। यो ई बात न्अ साबित करअ छ क थे तो बच जावला अर वांको नास हो जावेलो। क्युं क यो परमेसर की ओड़ी सुं छ।
वांसु मत डरपो ज्यो थांकी काया न्अ नास कर सक्अ छ। वे थांकी आत्मा न्अ कोन्अ मार सक्अ। बस उं परमेसर सुं डरपो ज्यो थांकी काया अर आत्मा दोन्या न्अ'ई नरक मं पटकर नास कर सक्अ छ।
ईसु उं डुंड्या मनख न्अ खियो, “यांक्अ गाब्अ उबो होजा।”
अर सबळा मनख परमेसर का उद्धार का दर्सण करअला!’”
अर जद्या वो आवलो तो संसार का लोगबागा न्अ गलत साबित करअलो। क वे पाप, धार्मिकता, अर न्याऊ का बारा मं गलत छ।
जिसुं थान्अ जाण लेणी चायजे क परमेसर को यो उद्धार दूसरी जात्या कन्अ दियो गियो छ। वे बीन्अ सुण्अला।
अर ज्यो आपा बीकी ओलाद छा तो वारिस बी छा। परमेसर का वारिस अर मसी की लार पांतिदार छा, अर ज्यो आपा बीकी लांरा दुख मं पांतिदार छा, तो बीकी लारा महमा मं बी पांतिदार छा।
थे खुद जाणो छो क थां कन्अ आबासुं पेली फिलिप्पी सहर मं दुख उठाबा अर बेजती सेन कर्या पाछ्अ अर जोरको बिरोध होता होया बी परमेसर की सायता सुं मान्अ परमेसर का चोखा समचार न्अ सुणाबा की हिम्मत मली छ।
जिसुं आपा बेधड़क खेवां छा, “परमेसर म्हारी सायता करबाळो छ, म कोन डरपूंलो। मनख म्हारो कांई बगाड़ सक्अ छ?”
बा दुखा सुं मत डरप्अ ज्यो तन्अ भोगणा छ। सूणो, थाम्अ सुं थोड़ा न्अ सेतान जैळ मं पटकर परिक्षा मं पटकबो छाव्अ छ अर थान्अ बड़्अ दस दन ताणी दुख भोगणा पड़्अला। मोत को सामनो हो जाव्अ तोबी बस्वासी हेर रीज्यो। तो म थन्अ जन्दगी को मुकुट देऊलो।