20 म्हारी मंसा अर आसा याई छ क म कद्या बी नरास कोन्अ होउं पण पूरी हिम्मत रखाणु। जस्यान मसी की महमा सदाई म्हारी काया सुं होव्अ छी वस्यानई अब बी होती रेव्अ। छाये म जिऊ छाये मरूं।
पण म्हारअ बेई म्हारा जीव को कोई बी मोल कोन्अ। म तो बस बी दोड़-धुप अर बी सेवा न्अ पूरी करबो चाऊ छु जिन्अ म परबु ईसु सुं लियो छु वा छ, परमेसर की दीया का चोखा समचार की गुवाई देबो।
ई बजेसुं ह भायाओ परमेसर की दीया याद दुवार म थासुं अरदास करू छु क खुदकी जन्दगी एक जीवता अर पवितर बलिदान की जस्यान परमेसर न्अ राजी करता होया सुंपद्यो। या थांकी सांची आत्मिक सेवा छ ज्यो थान्अ करणी छ।
खुदकी काया का हस्सा न्अ अधर्म का साधन की न्याऊ पाप का हाथा मं मत सुंपो। पण मरया मंसुं जीवतो होबाळा की जस्यान परमेसर का हाथा मं सुंपद्यो। अर खुदकी काया का हस्सा न्अ धरम का साधन की न्याऊ परमेसर का हाथा मं सुंपद्यो।
अर अस्यान उंका बच्यार बट जाव्अ छ। अर अस्यान'ई कुंवारी छोरी की लार होव्अ छ, एक कुंवारी छोरी परबु मं मगन रैव्अ छ जिसुं क वा आत्मा मं अर काया मं पवितर हो सक्अ। पण एक पर्णी लुगाई ई दुनिया की बाता मं मगन रैव्अ छ अर या बच्यार करती रेव्अ छ क म म्हारा मोट्यार न्अ कस्यान राजी रांखू।