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फ़िलिप्पियों 3:20 - किताब-ए मुक़द्दस

20 लेकिन हम आसमान के शहरी हैं, और हम शिद्दत से इस इंतज़ार में हैं कि हमारा नजातदहिंदा और ख़ुदावंद ईसा मसीह वहीं से आए।

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

20 मगर हमारा वतन असमान पर है हम एक मुन्जी यानी ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह के वहाँ से आने के इन्तिज़ार में हैं।

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उर्दू हमअस्र तरजुमा

20 मगर हमारा वतन आसमान पर है। और हम अपने मुनज्जी ख़ुदावन्द ईसा अलमसीह के वहां से, वापस आने के इन्तिज़ार में हैं,

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फ़िलिप्पियों 3:20
36 Cross References  

तू मुझे ज़िंदगी की राह से आगाह करता है। तेरे हुज़ूर से भरपूर ख़ुशियाँ, तेरे दहने हाथ से अबदी मसर्रतें हासिल होती हैं।


लेकिन मैं ख़ुद रास्तबाज़ साबित होकर तेरे चेहरे का मुशाहदा करूँगा, मैं जागकर तेरी सूरत से सेर हो जाऊँगा।


ज़िंदगी की राह चढ़ती रहती है ताकि समझदार उस पर चलते हुए पाताल में उतरने से बच जाए।


ईसा ने उसे बताया, “अगर तू कामिल होना चाहता है तो जा और अपनी पूरी जायदाद फ़रोख़्त करके पैसे ग़रीबों में तक़सीम कर दे। फिर तेरे लिए आसमान पर ख़ज़ाना जमा हो जाएगा। इसके बाद आकर मेरे पीछे हो ले।”


यही उस शख़्स का अंजाम है जो सिर्फ़ अपने लिए चीज़ें जमा करता है जबकि वह अल्लाह के सामने ग़रीब है।”


ऐसा करने से तुझे बरकत मिलेगी। क्योंकि वह तुझे इसके एवज़ कुछ नहीं दे सकेंगे, बल्कि तुझे इसका मुआवज़ा उस वक़्त मिलेगा जब रास्तबाज़ जी उठेंगे।”


उन्होंने कहा, “गलील के मर्दो, आप क्यों खड़े आसमान की तरफ़ देख रहे हैं? यही ईसा जिसे आपके पास से आसमान पर उठाया गया है उसी तरह वापस आएगा जिस तरह आपने उसे ऊपर जाते हुए देखा है।”


इसलिए आपको हमारे ख़ुदावंद ईसा मसीह के ज़ुहूर का इंतज़ार करते करते किसी भी बरकत में कमी नहीं।


जैसा पहला ख़ाकी इनसान था वैसे ही दीगर ख़ाकी इनसान भी हैं, और जैसा आसमान से आया हुआ इनसान है वैसे ही दीगर आसमानी इनसान भी हैं।


इसलिए हम देखी हुई चीज़ों पर ग़ौर नहीं करते बल्कि अनदेखी चीज़ों पर। क्योंकि देखी हुई चीज़ें आरिज़ी हैं, जबकि अनदेखी चीज़ें अबदी हैं।


हाँ, हमारा हौसला बुलंद है बल्कि हम ज़्यादा यह चाहते हैं कि अपने जिस्मानी घर से रवाना होकर ख़ुदावंद के घर में रहें।


लेकिन आसमानी यरूशलम आज़ाद है और वही हमारी माँ है।


नतीजे में अब आप परदेसी और अजनबी नहीं रहे बल्कि मुक़द्दसीन के हमवतन और अल्लाह के घराने के हैं।


जब हम मसीह ईसा पर ईमान लाए तो उसने हमें मसीह के साथ ज़िंदा करके आसमान पर बिठा दिया।


क्योंकि यह ज़रूरी है ताकि आप वह बातें क़बूल करें जो बुनियादी अहमियत की हामिल हैं और आप मसीह की आमद तक बेलौस और बेइलज़ाम ज़िंदगी गुज़ारें।


लेकिन आप हर सूरत में मसीह की ख़ुशख़बरी और आसमान के शहरियों के लायक़ ज़िंदगी गुज़ारें। फिर ख़ाह मैं आकर आपको देखूँ, ख़ाह ग़ैरमौजूदगी में आपके बारे में सुनूँ, मुझे मालूम होगा कि आप एक रूह में क़ायम हैं, आप मिलकर यकदिली से उस ईमान के लिए जाँफ़िशानी कर रहे हैं जो अल्लाह की ख़ुशख़बरी से पैदा हुआ है,


आपका यह ईमान और मुहब्बत वह कुछ ज़ाहिर करते हैं जिसकी आप उम्मीद रखते हैं और जो आसमान पर आपके लिए महफ़ूज़ रखा गया है। और आपने यह उम्मीद उस वक़्त से रखी है जब से आपने पहली मरतबा सच्चाई का कलाम यानी अल्लाह की ख़ुशख़बरी सुनी।


लोग यह भी कह रहे हैं कि अब आप इस इंतज़ार में हैं कि अल्लाह का फ़रज़ंद आसमान पर से आए यानी ईसा जिसे अल्लाह ने मुरदों में से ज़िंदा कर दिया और जो हमें आनेवाले ग़ज़ब से बचाएगा।


उस वक़्त ऊँची आवाज़ से हुक्म दिया जाएगा, फ़रिश्ताए-आज़म की आवाज़ सुनाई देगी, अल्लाह का तुरम बजेगा और ख़ुदावंद ख़ुद आसमान पर से उतर आएगा। तब पहले वह जी उठेंगे जो मसीह में मर गए थे।


और अब एक इनाम तैयार पड़ा है, रास्तबाज़ी का वह ताज जो ख़ुदावंद हमारा रास्त मुंसिफ़ मुझे अपनी आमद के दिन देगा। और न सिर्फ़ मुझे बल्कि उन सबको जो उस की आमद के आरज़ूमंद रहे हैं।


साथ साथ यह तरबियत उस मुबारक दिन का इंतज़ार करने में हमारी मदद करती है जिसकी उम्मीद हम रखते हैं और जब हमारे अज़ीम ख़ुदा और नजातदहिंदा ईसा मसीह का जलाल ज़ाहिर हो जाएगा।


नहीं, आप सिय्यून पहाड़ के पास आ गए हैं, यानी ज़िंदा ख़ुदा के शहर आसमानी यरूशलम के पास। आप बेशुमार फ़रिश्तों और जशन मनानेवाली जमात के पास आ गए हैं,


इसी तरह मसीह को भी एक ही बार बहुतों के गुनाहों को उठाकर ले जाने के लिए क़ुरबान किया गया। दूसरी बार जब वह ज़ाहिर होगा तो गुनाहों को दूर करने के लिए ज़ाहिर नहीं होगा बल्कि उन्हें नजात देने के लिए जो शिद्दत से उसका इंतज़ार कर रहे हैं।


देखें, वह बादलों के साथ आ रहा है। हर एक उसे देखेगा, वह भी जिन्होंने उसे छेदा था। और दुनिया की तमाम क़ौमें उसे देखकर आहो-ज़ारी करेंगी। हाँ, ऐसा ही हो! आमीन।


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