फ़िलिप्पियों 1:7 - किताब-ए मुक़द्दस7 और मुनासिब है कि आप सबके बारे में मेरा यही ख़याल हो, क्योंकि आप मुझे अज़ीज़ रखते हैं। हाँ, जब मुझे जेल में डाला गया या मैं अल्लाह की ख़ुशख़बरी का दिफ़ा या उस की तसदीक़ कर रहा था तो आप भी मेरे इस ख़ास फ़ज़ल में शरीक हुए। See the chapterइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 20197 चुनाँचे ज़रूरी है कि मैं तुम सब के बारे में ऐसा ही ख़याल करूँ, क्यूँकि तुम मेरे दिल में रहते हो, और क़ैद और ख़ुशख़बरी की जवाब दिही और सुबूत में तुम सब मेरे साथ फ़ज़ल में शरीक हो। See the chapterउर्दू हमअस्र तरजुमा7 मेरा तुम सब की बाबत ये ख़्याल करना मुनासिब है, क्यूंके तुम हमेशा मेरे दिल में रहते हो, न सिर्फ़ उस वक़्त जब के मैं ज़न्जीरों में क़ैद हूं बल्के उस वक़्त भी जब मैं ख़ुशख़बरी की जवाबदेही और सबूत के अमल में, तुम सब मेरे साथ ख़ुदा के फ़ज़ल में शरीक रहे हो। See the chapter |