फ़िलिप्पियों 1:27 - किताब-ए मुक़द्दस27 लेकिन आप हर सूरत में मसीह की ख़ुशख़बरी और आसमान के शहरियों के लायक़ ज़िंदगी गुज़ारें। फिर ख़ाह मैं आकर आपको देखूँ, ख़ाह ग़ैरमौजूदगी में आपके बारे में सुनूँ, मुझे मालूम होगा कि आप एक रूह में क़ायम हैं, आप मिलकर यकदिली से उस ईमान के लिए जाँफ़िशानी कर रहे हैं जो अल्लाह की ख़ुशख़बरी से पैदा हुआ है, See the chapterइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 201927 सिर्फ़ ये करो कि मसीह में तुम्हारा चाल चलन मसीह के ख़ुशख़बरी के मुवाफ़िक़ रहे ताकि; चाहे मैं आऊँ और तुम्हें देखूँ चाहे न आऊँ, तुम्हारा हाल सुनूँ कि तुम एक रूह में क़ाईम हो, और ईन्जील के ईमान के लिए एक जान होकर कोशिश करते हो, See the chapterउर्दू हमअस्र तरजुमा27 कुछ भी हो, इतना ज़रूर करो के तुम्हारा चाल चलन अलमसीह की ख़ुशख़बरी के लाइक़ हो। ताके, ख़्वाह मैं तुम्हें देखने आऊं या न आऊं, यह ज़रूर सुन सकूं के तुम एक रूह में क़ाइम हो और एक जान होकर कोशिश कर रहे हो के लोग ख़ुशख़बरी पर ईमान लायें See the chapter |
अज़ीज़ो, गो मैं आपको उस नजात के बारे में लिखने का बड़ा शौक़ रखता हूँ जिसमें हम सब शरीक हैं, लेकिन अब मैं आपको एक और बात के बारे में लिखना चाहता हूँ। मैं इसमें आपको नसीहत करने की ज़रूरत महसूस करता हूँ कि आप उस ईमान की ख़ातिर जिद्दो-जहद करें जो एक ही बार सदा के लिए मुक़द्दसीन के सुपुर्द कर दिया गया है।