सिर्फ यौतुवै ना पण ताउ विश्वासियनि शिख्रांतै रींहणु चेहिंथु कि भलै कंम कांनेरै तेईनी लगातार मैहनत कातै रिय्हा, ताकि तैन्हांं मैहणुवां केरी जरूरत पूरी करि सकिया जैन्हां किनि सै सभ ना जैन्हैरी तैन्हांं जरूरत आ। ऐहीं कांने ला विश्वासिया केरी मजत कांनी कि सैक्यै एकि मकसदै सिंउ जीवन जी सकिया।