27 हकीकति मझ सै यौउता बिमार थ्या कि सै मरि बि सकींथ्या; पण परमेश्वरै तैस पनि दया करि-करि सै ठीक करि दित्ता; जां तेसै पनि ना, पण मूं पनि बि दया की ताकि आंउ पेहिलै किना जादा दुखी ना भुईया।
तैस दौराना जेख्णी पतरस लुद्दा नगरा मझ थ्या तैन्हांं धियाड़िया सै बिमार भौकरी मरि गैई, जां तैन्हैं सै सन्होई करि बहौड़ी रखि।
पाप कांनेरी ईच्छा असु सभनियां केरा मंना मझ जरूर ऐईंती, पण परमेश्वर विश्वासयोग्य आ जां तैस तुवे तियोती बडी परीक्षाय मझ ना पूंणा दींणै, जै तुवाड़ै बोलै सहन ना भुईया। तैस परीक्षाय किना बचणैरी बत्त बि कढणी, ताकि असै तैस सहन कांनेरै तेईनी मजबूत भौ सकिया।
ऐठणीरै तेईनी ऐत किना अच्छु ऐ आ, कि तेसैरा अपराध माफ करा जां तेसनी तसल्ली देया। अगर तुवे तेसनी माफ ना कातै ता, क्या पता सैक्या यौउता दुखी भौ करि निराश भौ गहिया जां हार मनि लिया।
सै तुहां सभनियांं तकांणा चांहथा थ्या, ऐठणीरी वजहि ला सै परेशान थ्या, केईनी कि तुहैं शुणौरू थियु कि सै बिमार थ्या।
ऐठणीरै तेईनी मूं तैस तुहां किनि भेईजणैरी बड़ी जल्दी लगौरी आ, कि जेख्णी तुवे तैस तकाईया, ता अक बारी फिरी तुवे खुश भौ गहिया जां मिंडु चिंतैण घटि गहिया।
तेनी मसीहरै कंमेरै तेईनी मोउतिरा सांमना केया जां अपड़ि जान खतरै मझ सुटि, ताकि सै तैन्हैं तरीकै ला मिन्डी मजत करि सकिया, जै तुहांनि ना मेईंती, केईनी कि तुवे बड़ै दूर अत्तै।