“जामारै मैं तुमते कैहतूं, कै अपने पिरान के काजै चिन्ता मत करौ कै हम का खाबिंगे, और का पिबिंगे और ना अपने सरीर के काजै कै हम का पैहनिंगे। का पिरान भोजन ते या सरीर कपड़न ते बढ़कें नांय है?
“जामारै साबधान रहौ ऐसौ ना होबे कै तुम भोग-बिलास, खाने पीबें और इन संसार की चिन्तान ते तुमारौ मन हटीलौ है जाबें और बू दिना फन्दे की तरैह ते अचानक तुम पै आ पड़े।
जामारै अगर मेरौ खायबौ भरोसे में कमजोर भईया बहन के पाप में गिरबे कौ कारन बनतै, तौ मैं ऐसौ मांसाहारी खानों कबऊ नांय खाऊंगौ। कऊं ऐसौ ना होबे कै मैं भईया बहन के काजै पाप में गिरबे कौ कारन बनूं।
मैं, पौलुस, खुद मसीह की सी दयालुता और दीनता ते तुम लोगन ते निबेदन करतूं। कछू लोग कैहतै, जब मैं तुम लोगन के संग हतो तौ नम्रता रखतूं, पर जब मैं तुमते दूर हूं तौ तुमारे प्रति कठोरता दिखातूं।
कै जो कोई जि कैहवे कै जि बात परमेस्वर की ओर तेऐ या काऊ और के वचन या लिखी भयी चिठ्ठी कूं जाके बारे में कोई जि कहवे कै, जि चिठ्ठी हमनें भेजी है और जामें जि लिखौ होय, कै पिरभू के आयबे कौ समै आय गयौ है तौ तुम भैहक मत जईयौ और तुम घबरा मत जईंयों।
हमारी सभान में आनों मत छोड़ौ। जैसी कि कछुन कूं तौ म्हाँ नांय आने की आदतई पर गयी है। बल्कि हमें तौ एक दूसरे कूं उत्साहित करनों चहिऐं, और जैसौ कै तुम देख ही रये हैं कै परमेस्वर कौ दिन निकट आ रयौ है। जामारैं तुम्हें तौ जि और जादा करनों चहिऐ।
उन्नें जा बात की खोज करी हती कै मसीह कौ आतमा बिनमें हतो और पैहलै ते मसीह के दुखन की और वाके बाद हैबे बारी महिमा की गबाही दयी हती और जि जा बात कौ चिन्नैं कै जि बात कब होंगी और जा दुनियां कौ का होगौ।