तब तुम आनन्द मगन होईओं, चौंकि सुरग में तुमारे काजै भौत बड़ौ फल रखौए। जाई बजैह ते बिन्नें उन परमेस्वर की ओर ते बात बताबे बारेन कूं जो तुमते पैहले हते बिनकूं जाई रीति ते सतायौ हतो।
हमे सोक में व्याकुल समझौ जातै जबकि हमतौ हमेसा खुस रहतें। हम दीन हीन के रूप में जाने जाबते, जबकि हम तौ भौतन कूं बैभव साली बनांय रये हैं। लोग हमझतें के इन पै कछू नांय, पर हमारे जौरे तौ सब कछू है।