तुम ने मोय नईं चुनो, परन्त मैंने तुम हां चुनो है और तुम हां बताओ, कि तुम फल लाओ; और तुमाओ फल बनो रए, कि तुम मोरे नाओं से जो कछु बाप से मांगो, बो तुम हां देबे।
सो मैंने भईयन से जा बिन्तवारी करी कि बे पेंला तुम लौ जाबें, और तुमाए खुले मन के काम जिनके काजें मैंने पेंला उन हां कहो हतो, तईयार कर लेबें, कि जौ लोभ से नईं अकेले खुले मन से होबे।
कायसे रुपईया कौ लोभ सब परकार की बुराईयन की जड़ आय, जीहां पाबे की कोसिस करत भए कितेक जनें बिसवास की गैल से भटक के अपने आप हां बिलात परकार के दुखों से छलनी कर लओ आय।
परमेसुर के ऊ झुण्ड की, जौन तुमाए मजारें आंय रखनवारी करो; जौ काम दबाव से नईं, परन्त परमेसुर की मनसा अनसार खुसी से, और ओछी कमाई के लाने नईं, पर मन लगा के करो।
बे लालच में आके लबरी बातें बना हैं और तुम हां अपने फायदा कौ कारन बना हैं, दण्ड़ कौ हुकम जो उन पे पेंला से हो चुको आय, और ऊके आबे में देर नईंयां, उन कौ नास झट्टई होबेवारो आय।