पर जो कोऊ इन हल्के में से जौन मोय पे भरोसा करत आंय एक हां ठोकर खिलाए, ऊके लाने सही होतो, कि ऊके घींच में चक्की कौ भारी पाट लटकाओ जातो, और ऊहां समुन्दर की तरी में डुबो दओ जातो।
जदि तुम पवित्तर पोथी के ई बचन अनसार बैवार करत आव, कि तें अपने पड़ोसी से अपने घांई प्रेम कर, तो सांचई तुम परमेसुर के राज की नैम हां पूरो करत आव, तो साजो करत आव।