कि जैसो तुम पवित्तर मान्सन हां चईये, ऊहां पिरभु में अपनाओ; और जौन कोऊ बात में ऊहां तुम से कछु काम होबै, तो ऊकी मदद करौ; कायसे बा बिलात जन की इते लौ कि मोरी भलाई सोई करबेवारी रई आय।
अपने गुरु जनों की मानो बे तुमाए जीवन हां तकें रैत आंय; कायसे बे परमेसुर हां तुमाए लाने लेखो दै हैं, बे जो काज खुसी से करें, बोझो न समझें, कायसे ऐसी सेवा से तुम हां कोई फायदा न हुईये।
जब मैं आहों, तो ऊके कामन की याद दिला हों, और बता हों कि तें हम हां काए बुरओ कैत है; और इतईं नईं दूसरे भईयन हां बिरादरी में लैबे से मना करत आय; और दूसरन हां लैबे से हटकत आय, और बिरादरी से निकाल सोई देत आय।