24 और पिरभू में मोहां सोई जा आस लगी आय, कि मैं झट्टई तुम लौ आहों।
पिरभू ने मोहां जा आसा दई आय, कि मैं झट्टई तीमुथियुस हां तुम लौ पठैओं, कि तुमाए बारे में सुनके मोहां साजो लगे।
मोरे रुकबे के लाने जांगा धरिये; मोहां पता आय कि तुमाई बिन्तवाई से मैं तुम हां फिन के मिल जै हों।
मोय तुम हां और बिलात बातें लिखबे हां आंय, परन्त कागज और सियाही से नईं लिखो चाहत; मोरी मन्सा आय, कि तुम लौ आओं और आमूं सामूं बतकाओ करों, जीसे मोरो और तुमाओ मन भरै।
मोरी मन्सा आय कि झट्टई तुम लौ आओं तो अपन आमूं सामूं बतकाओ करबी; तुम साजे रओ। इते के भईया तुम हां नमस्कार कैत आंय; उते के सबरे भईयन हां मोरो नमस्कार कईयो।