तुम हां पता आय कि पैली बेरा हम फिलिप्पी में गए, तो कैसो दुख और परेसानी हम पे पड़ी, परन्त परमेसुर ने हम हां ऐसी हिम्मत दई, कि हम परमेसुर की बातें बिरोध में सोई सुनात रएं।
ई लाने जब इतने सबरे जनों की गवाह हम जानत आंय, तो अब सबरी रोकबेवारी बस्तन और उलझाबेवारे पाप और बुरई बातन हां छोड़ के, जैसी दौड़ हम हां दौड़ने आय ऊहां संभल के दौड़ें।