3 मैं जब तुम हां याद करत आंव, तो परमेसुर कौ धन्न मानत आंव।
परन्त परमेसुर कौ धन्नबाद होबे, कि तुम जौन पाप के चाकर हते अब हिए से ऊ सीख हां मानबेवारे हो गए, जाने कि जैसे सिखाए गए हते।
मैं तुमाए लाने अपने परमेसुर कौ धन्न मानत आंव, कि परमेसुर की दया यीशु मसीह में तुम पे भई आय।
सो तुमाई सुनके हम ने परमेसुर को जस मानो, और हम कैसे परमेसुर को ई के लाने धन्न मानें?
भईया हरौ, तुमाए लाने हम हां परमेसुर को धन्न मानो चईये, और जौ सांचो आय कि तुमाओ पिरभू पै बिसवास बढ़त जात आय, और तुम एक दूजे से खीब प्रेम करत आव।
मैं अपने परमेसुर की सेवा अपने बड़े बूढ़न की रीत से साजे विवेक से करत आंव, और उनकी दया से तुमाए काजें बिन्तवारी करत आंव।