24 परन्त तुमाए काजें मोहां जीबो और भी अच्छो आय।
तौभी मैं तुम से सांची सांची कहत आंव, कि मोरो जाबो तुमाए लाने साजो आय, कायसे जदि मैं नईं जा हों, तो ऊ सहायक तुमाए ऐंगर न आहै, पर जदि मैं जा हों, तो ऊहां तुमाए ऐंगर पठै दें हों।
जैसे मैं जीओं तो मोरे काज हां नोंनो आय, तौ का कहों, मोरी समझ में नईं आत।
अब मैं अधर में मानो लटको आंव; मोरो मन आय कि मैं ई संसार हां छोड़ के पिरभू यीशु मसीह लौ जाओं।