फसह के परब के पेंला यीशु ने जौ जानके, कि मोरी घड़ी आ पहुंची आय, कि मैं संसार हां छोड़ के बाप के ऐंगर जाओं, तो अपनों से जौन संसार में हते, जैसो प्रेम ऊ रखत हतो, उन से अन्त लौ वैसई प्रेम धरें रओ।
हे बाप, मोरी चाहना आय कि जिन हां तेंने मोय दओ आय, जिते मैं आंव, उते सोई मोरे संग्गै रएं कि बे मोरी ऊ महिमा हों तक सकें, जीहां तेंने मोय दई आय, कायसे तेंने संसार के जन्म से पेंला मोय से प्रेम करो।
सो हम परमेसुर को धन्न मानत आंय; कि जब परमेसुर की बातें तुम ने सुनीं, तो तुम ने ऊहां मान्सन की नईं, परन्त परमेसुर की बातें लेखी (जा सांची आय) और अब तुमाए जीवन में दिखात आय।
और ईके पाछें हम जौन जियत हुईयें और संसार में बचे रै हैं, उनके संग्गै बादरन पै उठा लय जै हैं, कि हवा में पिरभू से जुड़े, और फिन हम पिरभू के संग्गै रै हैं।
मैंने सरग से ऐसो शब्द सुनो, कि लिख; जो मान्स पिरभू में मरत आंय, बे अब से धन्न आंय, आत्मा ने सोई कई कि जौन मेहनत से काम उन ने करो आय उन हां इनाम मिल है, और बे आराम कर हैं।