परन्त ऊने मना करत भए अपने मालक की बईयर सें कई, “सुन, जो कछु ई घर में आय ऊ मोरे हाथ में आय; ऊहों मोरो मालक कछु नईं जानत, और ऊने अपनो सब कछु मोरे हाथ में सौंप दओ आय।
हे भईया हरौ, मैं नईं चाहत, कि तुम ई बात से अनजान रओ, कि मैंने तुम लौ बेर बेर आबो चाहो, कि जैसो मोय दूसरी जातवारन में फल मिलो, ऊं सई तुम में सोई मिले, पर अबै लौ रुको रओ।
परमेसुर ने अपनी ऊ प्रजा हां नईं छोड़ो, जिन हां ऊ ने पेंला से नबेरो हतो: का तुम नईं जानत, कि पवित्तर पोथी में एलियाह अगमवकता के लाने का कओ गओ आय; कि बो इस्राएल के विरोद में परमेसुर से बिन्तवाई करत आय।
मैं मसीह के संग्गै क्रूस पै चढाओ गओ हों, अब मैं जीयत नईंयां, अकेले मसीह मोय मैं जीयत आय: और मैं जौन देह में जीयत हों तो ऊ बिसवास से जीयत हों, जौन परमेसुर के पुत्र पै आय, जीनें मोय से प्रेम करो, और अपने प्रान मोरे लाने दे दए।