18 इन सबरी बातन से का जा बात सांची आय, कि बुरय विचार से, और सांचे में पिरभू को परचार हो रओ आय, और ईसे मोहां खुसी आय।
हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो तुम पे श्राप! कायसे तुम मान्सन के विरोध में सरग के राज्य कौ द्वार बन्द कर देत आव, तुम न तो खुद जात आव और न जाबे वारन हां भीतर जान देत आव।
बे बिधवाओं के घर हां लूट लेत आंय, और दिखावा के लाने भौत देर तक प्रार्थना करत रैत आंय, जे ज्यादा सजा पा हैं।
पर बे ई बात हां न समजत हते, और बे उन से लुकीं रईं, कि बे ऊ ए जान न पाएं, और बे ई बात के बारे में ऊसे पूछबे हां डरात हते।
यीशु ने ऊसे कओ, ऊहां न हटको, कायसे जौन तुमाए विरोध में नईंयां, ऊ तुमाई कुदाऊं आय।
तो फिन का भओ? का हम उन से साजे आंय? कभऊं नईं; कायसे हम यहूदियों और यूनानियों पे जौ लांछन लगा चुके आंय, कि बे दौनऊं पाप के बस में आंय।
सो का भओ? का हम ई लाने पाप करें, कि हम नैम व्यवस्था के आधीन नईंयां पर दया के आधीन आंय? कभऊं नईं।
फिन मैं का कैत आंव? का जौ कि मूरत कौ बलदान कछु आय या मूरत कछु आय।
सो का करो चईये? मैं आत्मा से सोई बिन्तवाई कर हों, और समज से सोई बिन्तवाई कर हों; मैं आत्मा से गाहों, और समज से सोई गाहों।
सो चाए मैं होओं, चाए बे होबें, हम जौई परचार करत आंय, और ऐई पे तुम ने बिसवास धरो आय।
मोहां पता आय, कि तुमाई बिन्तवारी से, और आत्मा के जोर से, जौ सब मोरे छूटबे के लाने हुईये।