कुछ सिपाहियाँ नै भी उसतै बुझया, “हम के करा?” उसनै उनतै कह्या, “किसे पै जुल्म करकै पईसे ना लियो, अर ना झूठ्ठा इल्जाम लाइयो, अर अपणी तन्खा पै संतोष करियो।”
म्हारा पै भी दुख का बखत आवै सै, पर हम सारी हाण आनन्दित रहवां सां, हम खुद तो कंगालां की तरियां सां, पर घणखरयां नै आत्मिक रूप तै साहूकार बणा देवां सां, हम इसे सा जिस ढाळ म्हारै धोरै किमे कोनी, तोभी सारा किमे सै, येए सारी बात हमनै परमेसवर का सच्चा सेवक बणण म्ह मदद करै सै।
परमेसवर इस योग्य सै, के वो थारे ताहीं भोत-ए घणा अनुग्रह दे, ताके सब कुछ थमनै हर बात म्ह हर बखत पर्याप्त मात्रा म्ह मिलता रहवै, अर हरेक भले काम कै खात्तर थारे धोरै भोत घणा होवै।
बल्के अपणे प्रभु मसीह यीशु नै आच्छी तरियां जाणण के महत्व कै आग्गै, मै बाक्की की सारी बात्तां नै बेकार समझू सूं। जिसकै कारण मन्नै उन सारी चिज्जां ताहीं छोड़ दिया सै, अर उननै कूड़ा समझू सूं। ताके मै मसीह नै आच्छी तरियां जाण सकू।
क्यूँके जो लोग कैद म्ह थे, उनकै दुख म्ह भी थम दुखी होए, अर अबिश्वासी नै थारी सम्पत्ति ताहीं भी लूट ली, तो थम लुटण खात्तर भी तैयार होगे, न्यू जाणकै के थारे गेल्या एक और भी सारया तै बढ़िया अर सारी हाण ठहरण आळी सम्पत्ति सै।