आओ! हम खुद नै सही तरिक्के तै चलाणा शरु करा, जो उन माणसां की तरियां सै जो चाँदणे म्ह रहवै सै, पर अँधेरे म्ह रहण आळे माणसां की ढाळ ना बणो जो भोग-विलास, दारूबाजी, जारी, लुचपण, रोळे अर जळण करण जिसा काम करै सै।
क्यूँके मै प्रेरितां म्ह सारया तै कम महत्वपूर्ण सूं, बल्के प्रेरित बणण कै जोग्गा भी कोनी था, क्यूँके मन्नै परमेसवर की कलीसिया के बिश्वासियाँ ताहीं सताया था।
क्यूँके इब ताहीं थम दुनियावी माणसां के पापी सुभाव के मुताबिक जीवन जिओ सों। ज्यांतै के इब भी थारे म्ह जळण अर झगड़े सै, तो के थम दुनियावी माणसां की तरियां कोनी? थम उन माणसां की तरियां सों जो परमेसवर के कोनी।
क्यूँके मन्नै इस बात का डर सै, कदे इसा ना हो के मै आकै जिसा चाहूँ सूं, उसाए थमनै पाऊँ; अर मन्नै भी जिसा न्ही चाहो सो उसाए पाओ; मन्नै इस बात का डर सै के ओड़ै झगड़ा, जळण, छो, उदासी, बिरोध, चुगली, घमण्ड अर बखेड़े ना हों;
क्यूँके परमेसवर नै थारे ताहीं पवित्र माणस बणण खात्तर चुण्या सै, अर वो थारे ताहीं प्यार करै सै, इस करकै बड़ी करुणा, भलाई, दीनता, नम्रता, अर सहनशीलता नै धारण करो।
इस्से ढाळ हे जवान्नों, थम भी कलीसिया के अगुवां का कहणा मान्नो, बल्के थम सारे के सारे दीनता तै एक-दुसरे की सेवा करते रहो, क्यूँके हम पवित्र ग्रन्थ म्ह पढ़ा सां, के “परमेसवर घमण्डियाँ का बिरोध करै सै, पर दीन पै अनुग्रह करै सै।”