प्रकाश 4 - राना थारु नयाँ नियमस्वर्गीय सिंहासनको दर्शन 1 जे सब घटना होनके बाद मए, यूहन्ना देखो, कि स्वर्गमे एक फाटक खुलो रहए। तओ मए फिर बहे अबाज सुनो जो तुरहीको अबाज कता मोसे मस्कनडटो रहए। बो मोसे कही: “मेरे ठिन हियाँ उपर आ, और अब जाके पच्छु जो होबैगो बहे मए तोके दिखामंगो।” 2 परमेश्वरको आत्मा मिर उपर आओ। और मए स्वर्गमे एक सिंहासन देखो और सिंहासनमे कोइके बैठो देखो। 3 बा जो सिंहासनमे बैठो रहए बा एक महिंगो पत्थर कता दिखात रहए, जोके बिल्लौर और लालमणिको पत्थर कहोजात हए। बो सिंहासनके आसपिस धनक्मान रहए, और जा हरो महिंगो पत्थर कता दिखात रहए। 4 बो सिंहासनके आसपिस औ चौबीस सिंहासन रहएं और मुणमे सोनोको मुकुट और सेतो लत्ता लगाएभए चौबिस जनै धर्मगुरु बो सिंहासनमे बैठे मए देखो। स्वर्गमे आराधना 5 बो सिंहासनसे बिजुली, अबाज और गर्जन निक्रत रहए और बो सिंहासनके अग्गु सात बत्ति पज्रे रहएं जे परमेश्वरके सात आत्मा हएं। 6 बो सिंहासनके अग्गु समुन्दर कता चौँडो कुछ रहए। जो सिसा कता स्पष्ट रहए। सिंहासनके चारौ किनारे जिन्दा प्राणी रहएं, जौनको शरीर आँखीसे पुरए तुपो रहए। 7 पहिलो जिन्दा प्राणी बघटा कता रहए, दुस्रो जिन्दा प्राणी बर्धा कता रहए, तिस्रो जिन्दा प्राणीको चाहेरा आदमी कता रहए और चौथो जिन्दा प्राणी उणन डटो चिल्हरिया कता रहए। 8 बे चारौ जिन्दा प्राणीनके छय-छय पखना रहएं और बे पखनाके बाहेर और भितर दुनौ घेन आँखीसे भरे रहएं। रातदिन बे अइसे कहातए गात रहात रहएं, “पबित्र, पबित्र, पबित्र परमप्रभु सर्बशक्तिमान परमेश्वर, बा बहे परमेश्वर हए जो समयकी सुरुवातसे लैके अबतक और हमेसाके ताहीं नाए बद्लत हए।” 9-10 जो सिंहासनमे बैठो हए, बा बहे हए जो सदादिन जिन्दा रहात हए। जब फिर चार जिन्दा प्राणी बाके महिमा, आदर और धन्यबाद देत हएं, तओ चौबिस धर्मगुरु बाके अग्गु घुपटा पणतहएं, और बाकी आराधना करत हएं। बे अइसे कहात सिंहासनके अग्गु अपने-अपने मुकुट धरदेत हएं: 11 “हे हमर प्रभु परमेश्वर, तुम सब चिजनके सृष्टि करे। तुमर इच्छा अनुसार बे बने गए और बे अस्तित्वमे हएं। तभीमारे तुम महिमा, आदर और शक्ति पानके लायक हओ।” |
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