तुम अपनो दौवा शैतानके सन्तान हओ, और तुम अपन दौवाको इच्छा पुरा करन तयार हओ। बो त सुरुसे ज्यानमारा रहए, बो त कभी फिर सच्चो नाए रहए काहेकी बोमे सत्य नाए रहए। जब बो ठगत हए तओ अपन चरित्र अनुसार मस्कत हए। काहेकी बोमे सत्य नाए हए, बहेमारे बो त ठगन बारेनको दौवा हए।